नाम काट दो हम तो हिजाब पहनकर ही पढ़ेंगे यूपी के इस कॉलेज में हंगामा

Kanpur News: पूरा मामला बिल्हौर कस्बा स्थित बिल्हौर इंटर कॉलेज का है, यहां 12वीं की 3 छात्राएं बुधवार की सुबह हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंची. उन्हें इस तरह देख साथ पढ़ने वाली छात्राओं ने क्लास टीचर से शिकायत की. क्लास टीचर ने पहले तीनों को समझाया. लेकिन, तीनों छात्राओं ने हिजाब उतारने से मना कर दिया.

नाम काट दो हम तो हिजाब पहनकर ही पढ़ेंगे यूपी के इस कॉलेज में हंगामा
हाइलाइट्स बिल्हौर इंटर कॉलेज में उस वक्त हंगामा मच गया जब 12वीं की तीन छात्राएं हिजाब यानी बुर्का पहनकर कॉलेज पहुंचीं जब क्लास टीचर में तीनों छात्राओं को क्लास में बैठने से मना किया तो उन्होंने बवाल खड़ा कर दिया कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिल्हौर इंटर कॉलेज में उस वक्त हंगामा मच गया जब 12वीं की तीन छात्राएं हिजाब यानी बुर्का पहनकर कॉलेज पहुंचीं. जब क्लास टीचर में तीनों छात्राओं को क्लास में बैठने से मना किया तो उन्होंने बवाल खड़ा कर दिया. छात्राओं ने कहा चाहे स्कूल से नाम काट दो, लेकिन हिजाब पहनकर ही कॉलेज आएंगे और पढ़ेंगे. मामला क्लास टीचर से होते हुए प्रिंसिपल तक पहुंचा. प्रिंसिपल ने भी छात्राओं को तय ड्रेस कोड में आने को कहा तो तीनों ने मना कर दिया. जिसके बाद उनके अभिभावकों को बुलाया गया और कहा गया कि कॉलेज का एक ड्रेस कोड है उसी में सभी को आना होगा. उसके बाद तीनों छात्राएं मानी. लेकिन सवाल यहां यह खड़ा हुआ है कि ऐसा हुआ क्यों? अब जिला प्रशासन इसकी जांच में जुटा है. दरअसल, पूरा मामला बिल्हौर कस्बा स्थित बिल्हौर इंटर कॉलेज का है, यहां 12वीं की 3 छात्राएं बुधवार की सुबह हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंची. उन्हें इस तरह देख साथ पढ़ने वाली छात्राओं ने क्लास टीचर से शिकायत की. क्लास टीचर ने पहले तीनों को समझाया. लेकिन, तीनों छात्राओं ने हिजाब उतारने से मना कर दिया. छात्राएं नहीं मानीं तो क्लास टीचर तीनों को प्रिंसिपल के पास ले गईं.  कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुरजीत यादव के अनुसार, उन्होंने भी छात्राओं से स्कूल के निर्धारित ड्रेस में कॉलेज में आने की बात कही. छात्राओं ने कहा- हमें घर जाना है. स्कूल इसी तरह आएंगे, नहीं तो हमारा नाम काट दीजिए. प्रधानचार्य ने इसे छात्राओं की अनुशासनहीनता माना. उन्होंने अनुशासनहीनता और विद्यालय के नियमों को न मानने की बात छात्राओं से लिखवा ली. कॉलेज में हिजाब बैन कर दिया गया. क्लास टीचर को तीनों छात्राओं का नाम अलग-अलग सेक्शन में करने का आदेश जारी कर दिया. परिजनों के पहुंचने के बाद छात्राओं ने अपनी गलती मानी. जिसके बाद प्रधानाचार्य की तरफ से नोटिस छात्राओं के घरवालों को भेजी गई. इस पर तीनों के परिजन भी कॉलेज पहुंच गए. मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश प्रधानाचार्य ने उनके सामने भी ड्रेस कोड में स्कूल आने और अनुशासन में रहने की बात दोहराई. स्कूल टीचर नूर इदरीसी के समझाने के बाद परिजनों को बात समझ आ गई. बातचीत के बाद दो छात्राओं ने अपनी गलती स्वीकार कर ली. निर्धारित ड्रेस में कॉलेज आना शुरू कर दिया. लेकिन, एक छात्रा बुधवार को स्कूल नहीं आई. गुरुवार की सुबह वह अपने परिजनों के साथ कॉलेज पहुंची. मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. प्रिंसिपल ने छात्रा और उसके परिजनों को समझाते हुए कहा- यहां बात धर्म या मजहब की नहीं है. यहां विषय अनुशासन और एक समान अधिकार का है. स्कूल का एक ड्रेस कोड है.  उसी में सभी को आना होगा. वहीं प्रधानाचार्य ने तीनों छात्राओं और उनके परिजनों को समझाते हुए कहा- अगर हिजाब बांधना ही है, तो स्कूल गेट के बाहर तक बांध कर आ सकती हैं. फिर उसे खोलकर बस्ते में रख लें. जब स्कूल की छुट्टी हो, तो गेट के बाहर जाकर फिर से हिजाब पहन लें. लेकिन, स्कूल में एक जैसे नियमों में रहकर ही पढ़ाई करनी होगी. इसके बाद तीनों छात्राएं और उनके परिजनों ने प्रिंसिपल की बात मानी. साथ ही अपनी गलती स्वीकार की. कानपुर पुलिस ने कही जांच की बात वहीं इस मामले में विधायक सुरेंद्र मैथानी ने news 18 से कहा कि मामले में अधिकारियों से बात कर जांच करवाएंगे. हिजाब के मामले में कानपुर जॉइन्ट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मामले की जांच करवाई जा रही है. इसके पीछे किसका हाथ है, इसका भी पता लगाया जाएगा. अचानक से हिजाब पहनकर पहुंचना और इस तरह से बवाल खड़ा करना किसी न किसी साजिश की तरफ ही इशारा कर रहा है, क्योंकि यह मामला कर्नाटका से शुरू हुआ था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला दे दिया है. Tags: Kanpur news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 15:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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