कानपुर में हर साल महिलाएं खास तरीके से करती हैं तर्पण जानें इसका मकसद

युग दधिचि देहदान संस्थान के संस्थापक मनोज सेंगर ने बताया कि 2011 में अजन्मी बच्चियों के तर्पण का कार्यक्रम शुरू किया गया था, जो बीते 14 सालों से लगातार चल रहा है. बेटियों की हत्या ना हो, इसके लिए इस तर्पण की शुरुआत पितृपक्ष में किया था. उन्होंने बताया कि महिलाएं हीं अज्मनी बच्चियों का तर्पण करती हैं.

कानपुर में हर साल महिलाएं खास तरीके से करती हैं तर्पण जानें इसका मकसद
कानपुर. देशभर में पितृपक्ष को लेकर लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तरह-तरह के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. देशभर में पितृपक्ष में होने वाली गतिविधियां लगातार जारी है. लोग अपने पूर्वजों के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर तर्पण करते हैं. पितृ पक्ष के दौरान कानपुर में भी एक खास आयोजन होता है. यह आयोजन देश भर में चर्चा का विषय बना रहता है. बता दें कि यह कार्यक्रम ऐसे अजन्मे बच्चों के लिए होता है, जो जन्म लेने के पहले ही गर्भ में मार दी जाती है. ऐसे बच्चों के लिए यहां कई वर्षो से पितृ पक्ष के दौरान पूरे-विधान से तर्पण किया जाता है, ताकि लोगों में सुधार हो सके और इस तरीके की घटनाएं देश में बंद हो सके. कानपुर का युग दधीचि देहदान संस्थान बीते 14 सालों से आजन्मी बेटियों के लिए तर्पण का प्रोग्राम कराते आ रहा है. महिलाएं करती हैं अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण कानपुर का युग दधीचि देहदान संस्थान बीते 14 सालों से आजन्मी बेटियों के लिए तर्पण का प्रोग्राम कराते आ रहा है. जिस प्रकार से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए और उनको मुक्ति दिलाने के लिए लोग रीति-रिवाज से तर्पण करते हैं. ठीक उसी प्रकार से ऐसी बच्चियां जो गर्भ में मार दी जाती हैं, उनके तर्पण के लिए शहर की महिलाएं एकत्रित होकर बच्चियों के लिए तर्पण करती हैं, ताकि संसार में बेटियां जन्म लेती रहे. 2011 से इसकी शुरुआत हुई थी. इसके पीछे का जो मुख्य मकसद है, वह देश और समाज में यह संदेश पहुंचाना है कि बेटी पैदा होना गर्व की बात है. वहीं जो लोग गर्भ में बच्चियों की हत्या करने का कार्य करते हैं, उनको भी इसके जरिए एक संदेश देने की कोशिश की जाती है. 14 वर्षो से चल रहा है तर्पण का कार्यक्रम युग दधिचि देहदान संस्थान के संस्थापक मनोज सेंगर ने लोकल 18 को बताया कि 2011 में अजन्मी बच्चियों के तर्पण का कार्यक्रम शुरू किया गया था, जो बीते 14 सालों से लगातार चल रहा है. बेटियों की हत्या ना हो, इसके लिए इस तर्पण के प्रोग्राम की शुरुआत पितृपक्ष में किया था. उन्होंने बताया कि देखते-देखते लोग इसके साथ जुड़ते गए. नदी के किनारे जाकर महिला सदस्य घाटों पर पहुंचकर तर्पण करती हैं. Tags: Kanpur news, Local18, Pitru Paksha, UP newsFIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 16:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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