अब दहेज का फर्जी केस करने वालों की खैर नहीं लागू हुआ ये नया नियम

Fake dowry cases will stop: आजकल दहेज प्रथा के मुकदमे बड़ी संख्या में बढ़ते जा रहे हैं. ज्यादातर मामलों में लड़के पक्ष को फंसाने के लिए फर्जी मुकदमे लिखा दिए जाते हैं. ऐसे मुकदमों पर रोक लगाने के लिए....

अब दहेज का फर्जी केस करने वालों की खैर नहीं लागू हुआ ये नया नियम
अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: दहेज भले अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन, आज भी देश में जो शादियां होती हैं उनमें कहीं ना कहीं लोग गिफ्ट के रूप में दहेज देते हैं. अब ऐसे गिफ्ट की जानकारी एक महीने के अंदर जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी को देना होगा. कानपुर के जिला अधिकारी ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं जिसके तहत वर पक्ष और वधू पक्ष दोनों को मिलने वाले उपहार के बारे में सूचना देनी होगी. इस नियम के तहत जारी किया आदेश कानपुर के जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत यह आदेश जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. इसके तहत अब हर शादी में लड़की और लड़के दोनों पक्षों को मिलने वाले गिफ्ट के बारे में जानकारी देनी होगी. यह है इसे लागू करने की वजह नियम को लागू करने की मुख्य वजह यह है कि आजकल दहेज प्रथा के मुकदमे बड़ी संख्या में बढ़ते जा रहे हैं. ज्यादातर मामलों में लड़के पक्ष को फंसाने के लिए फर्जी मुकदमे लिखा दिए जाते हैं. ऐसे मुकदमों पर रोक लगाने के लिए यह बेहद कारगर साबित होगा. इससे शादी में देने वाले सामानों की एक लिस्ट प्रशासन के पास मौजूद रहेगी. इससे लोग दहेज के झूठे आरोप नहीं लगा पाएंगे. कानपुर के जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 10 के तहत दूल्हा और दुल्हन दोनों परिवारों को शादी में मिले उपहार की पूरी सूची बनाकर एक महीने के अंदर जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी को देनी होगी. इससे शादियां दहेज मुक्त हो सकेंगी. कानपुर शहर के सभी गेस्ट हाउस में बोर्ड लगाए जाएंगे जिससे कि अगर कहीं पर भी लोग दहेज की मांग करते हैं तो लोग उनकी शिकायत कर सकेंगे और आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि लोगों तक इस बात की जानकारी भी पहुंचाई जाएगी कि दहेज देना और लेना दोनों अपराध की श्रेणी में आता हैं. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 18:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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