यहां बनता है आम और लीची का इत्र कीमत भी कम प्राचीन पद्धति से होता है तैयार
यहां बनता है आम और लीची का इत्र कीमत भी कम प्राचीन पद्धति से होता है तैयार
Mango- Litchi Perfume: लगभग हर उस चीज से कन्नौज के व्यापारी इत्र बना सकते हैं, जिससे खुशबू आती है. ऐसे में बरसात के सीजन में सबसे महत्वपूर्ण दो फल रहते हैं, जो हर किसी को पसंद आते हैं. इसमें पहला नाम आम का आता है और उसके बाद लीची. यहां के व्यापारी इन दोनों फलों से इत्र तैयार करते हैं.
कन्नौज /अंजली शर्मा: कन्नौज में इत्र व्यापारी मौसम के हिसाब से भी इत्र बनाते हैं. ऐसे में बरसात के मौसम में दो खास किस्म फल होते जो लोगों को बहुत पसंद आते हैं. बरसात के मौसम में यह दो फल हर घरों में मिलते हैं. ऐसे में इन फलों की खुशबू लोगों को दूर से ही अपनी तरफ आकर्षित करती है. इसके चलते कन्नौज के इत्र व्यापारियों द्वारा लीची और आम के इत्र बरसात के सीजन में तैयार किए जाते हैं. इसकी डिमांड भी बरसात में ही बहुत ज्यादा रहती है. क्योंकि, इसकी खुशबू को लोग खाने के साथ-साथ लगाने में भी पसंद करते हैं. लोग अपने मनपसंद फल को हर पल अपने साथ महसूस कर सकें. ऐसा ही एहसास लीची और आम का इत्र देता है.
लगभग हर उस चीज से कन्नौज के व्यापारी इत्र बना सकते हैं, जिससे खुशबू आती है. ऐसे में बरसात के सीजन में सबसे महत्वपूर्ण दो फल रहते हैं, जो हर किसी को पसंद आते हैं. इसमें पहला नाम आम का आता है और उसके बाद लीची. खाने के साथ-साथ अपने मनपसंद फलों की खुशबू अपने करीब महसूस कर सकें. इसके लिए यह लीची और आम का इत्र तैयार किया गया है. इसकी खुशबू काफी स्ट्रांग होती है, जिसमें लीची की खुशबू सबसे तेज रहती है. आम की खुशबू हल्की धीमी रहती है. लेकिन, यह दोनों ही खुशबू कपड़ों पर काफी समय तक बनी रहती है. लीची की खुशबू ठंडेपन के साथ मीठेपन का अहसास देती है, तो वही आम का मीठापन इस खुशबू में हर पल लोगों को स्वीटनेस का एहसास देता है.
क्या है रेट और कैसे होता है तैयार?
कन्नौज की सबसे प्राचीन पद्धति डेग भभका से ही यह इत्र तैयार किया जाता है. बड़ी मात्रा में फलों को लेकर डेग में डालकर फिर इसको तेज आंच पर मानक के अनुसार तपाकर भाप के माध्यम से इसका इत्र निकाला जाता है. वहीं, इस इत्र की कीमत ₹30,000 किलो तक रहती है. ग्राहकों की डिमांड पर इसको सिंथेटिक में स्प्रे फॉर्म में भी बना सकते हैं. इसकी कीमत काफी कम हो जाती है और यह 10 से 15 हजार रुपये किलो में भी बन जाता है.
क्या बोले इत्र व्यापारी?
इत्र व्यापारी निशिष तिवारी बताते हैं कि हमारे यहां मौसम के हिसाब से भी इत्र तैयार किया जाता है. बरसात के मौसम में लोगों को आम और लीची बहुत पसंद आती है. ऐसे में ग्राहकों की डिमांड पर लीची और आम का इत्र तैयार किया जाता है. इसकी खुशबू थोड़ी तेज होती है. लेकिन काफी लंबे समय तक कपड़ों पर बनी रहती है.
Tags: Kannauj news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 11:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed