बेहद खास होता है यह इत्र केसर से होता है तैयार कीमत जान रह जाएंगे दंग

केसर का इत्र लगाने के साथ-साथ खाने में भी काम आता है. केसर की तासीर गर्म होती है, जिस कारण यह सर्दियों में ज्यादा प्रयोग में आता है. तो वहीं केसर इत्र का प्रयोग मिठाइयों में खुशबू लाने के लिए किया जाता है.

बेहद खास होता है यह इत्र केसर से होता है तैयार कीमत जान रह जाएंगे दंग
अंजली शर्मा/ कन्नौज. सुगंध नगरी के नाम से मशहूर कन्नौज में सबसे प्रसिद्ध और शुद्ध इत्र बनता है. यहां पर फूलों के साथ-साथ तमाम उन चीजों से भी इत्र बनाया जाता है, जिनमें खुशबू की गुंजाइश रहती है. ऐसा ही एक खास चीज का इत्र बनता है, जिसको केसर का इत्र कहते हैं. केसर का इत्र लगाने के साथ-साथ कई तरह के फूड में भी प्रयोग में होता है. यह इत्र काफी महंगा होता है, वहीं इसकी खुशबू सबसे अलग होती है. खाद्य पदार्थों में इसके प्रयोग के बाद वह और भी लाजवाब हो जाते हैं. श्रीनगर और जम्मू कश्मीर से केसर की पत्ती से केसर का इत्र तैयार होता है. कैसे होता तैयार, कहां से आता केसर भारत में केसर की खेती कश्मीर के पंपोर इलाके में ज्यादा होती है. इसके बाद बडगाम और श्रीनगर में भी केसर की खेती होती है. जबकि केसर की खेती करने के समय की बात करें तो इसकी खेती अगस्त के महीने में होती है. वहीं पौधों में फूल लगना अक्टूबर के अंतिम हफ्ते या फिर नवंबर में शुरू हो जाते हैं. वहीं से ही इत्र व्यापारी इसकी खरीदारी करते हैं. इसके बाद कन्नौज की अति प्राचीन डेग-भभका पद्धति से इसका इत्र निकाला जाता है. लगाने और खाने दोनों के आता काम केसर का इत्र लगाने के साथ-साथ खाने में भी काम आता है. केसर की तासीर गर्म होती है, जिस कारण यह सर्दियों में ज्यादा प्रयोग में आता है. तो वहीं केसर इत्र का प्रयोग मिठाइयों में खुशबू लाने के लिए किया जाता है. वहीं चंदन और केसर को मिलकर एक ऐसा इत्र तैयार होता है, जो सबसे अलग होता है, जिसको चंदन केसर का इत्र कहते हैं. क्या रहता रेट नेचुरल केसर का इत्र जिसमें 25% तक केसर की पत्ती का प्रयोग होता है वह 80 हजार रुपए से शुरू होकर ग्राहक के डिमांड पर निर्भर करता है कि उसको कितनी पत्ती पर केसर का इत्र चाहिए. जिसकी कीमत 28 लाख रुपए किलो तक पहुंच जाती है. क्या बोले इत्र व्यापारी इत्र व्यापारी निशिष तिवारी बताते हैं कि केसर का इत्र कई खास इत्रों में गिना जाता है. यह इत्र अपने आप में सबसे अलग  होता है. इस इत्र के रेट इसकी पत्तियों के प्रयोग के आधार पर रहते हैं. जितनी पत्तियों का प्रयोग इत्र में किया जाएगा उसका रेट उतना ही कम और ज्यादा होता है. कम पत्तियों के प्रयोग से कम रेट रहता है और ज्यादा पत्तियों के प्रयोग से इसका रेट आसमान तक छूता है. इसकी कीमत 28 लाख रुपए किलो तक पहुंचती है. वहीं यह इत्र पूजा पाठ में ज्यादा प्रयोग होता है. क्योंकि चंदन और केसर का इत्र धार्मिक कार्यक्रमों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. वहीं लगाने के लिए सर्दियों में इसका खासा प्रयोग होता है. क्योंकि यह गर्म एहसास देता है. वहीं खाने में मिठाइयों में इसका प्रयोग ज्यादा होता है. जिससे मिठाइयों में केसर की खुशबू आती है. कन्नौज में बिल्कुल नेचुरल इत्र तैयार होता है, जो अपने आप में 100% शुद्ध रहता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 16:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed