सुहागिन महिलाएं क्यों करती हैं हरतालिका तीज पर 16 श्रृंगार जानें धार्मिक कारण
सुहागिन महिलाएं क्यों करती हैं हरतालिका तीज पर 16 श्रृंगार जानें धार्मिक कारण
Haritalika Teej 2024: हरतालिका तीज के दौरान पूजा की शुरुआत करने से पहले सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत 16 श्रृंगार के बिना अधूरा है. तो चलिए अयोध्या के ज्योतिषी से जानते हैं हरतालिका तीज पर 16 श्रृंगार का धार्मिक महत्व.
अयोध्या : जिस प्रकार सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत रखा जाता है ठीक उसी प्रकार विवाहित महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि के दिन करती हैं. हरतालिका तीज का व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित होता है. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है. सुहागिन महिलाएं विवाहित जीवन में खुशियों के आगमन के लिए महादेव की पूजा और व्रत करती हैं,वहीं इस व्रत को कुंवारी लड़कियां विवाह में आ रही बाधा को दूर करने के लिए करती हैं. पूजा की शुरुआत करने से पहले सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत 16 श्रृंगार के बिना अधूरा है. तो चलिए अयोध्या के ज्योतिषी से जानते हैं हरतालिका तीज पर 16 श्रृंगार का धार्मिक महत्व.
दरअसल, अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म सुहागन महिलाएं शादी के बाद 16 श्रृंगार करती हैं. महिलाओं के श्रृंगार को सुहाग की निशानी भी माना जाता है और पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. जिसका वर्णन धार्मिक ग्रंथो में भी देखने को मिलता है. पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने 16 श्रृंगार कर इस व्रत की शुरूआत की था जिसकी वजह से उनका दांपत्य जीवन सदैव खुशियों से भरा रहता है. 16 श्रृंगार में इत्र, पायल, बिछिया, अंगूठी, गजरा, कान की बाली या झुमके, शादी का जोड़ा, मेहंदी, मांगटीका, काजल, मंगलसूत्र, चूड़ियां, बाजूबंद, कमरबंद, सिंदूर और बिंदी शामिल है.
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत आज यानी 5 सितंबर को दोपहर 12:21 से शुरू हो चुकी है . जिसका समापन कल यानी 6 सितंबर को दोपहर 3:30 पर समाप्त होगा. ऐसी स्थिति में हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को किया जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:02 से लेकर 8:33 तक रहेगा. इस दौरान आप भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना विधि विधान से कर सकते हैं.
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Hartalika Teej, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 17:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed