जो जेल में उसकी शादी होनी है वाह भाई वाह जज रोहित आर्या का वायरल Videos

Judge Rohit Arya Viral Video: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज रोहित आर्या तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने छेड़छाड़ के एक मामले में जमानत की शर्त के तौर पर आरोपी से पीड़िता से राखी बंधवाने को कहा. अब उन्होंने BJP का दामन थाम लिया है. देखें उनके वायरल वीडियोज.

जो जेल में उसकी शादी होनी है वाह भाई वाह जज रोहित आर्या का वायरल Videos
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा चर्चित जजों में से एक जस्टिस रोहित आर्या अपनी सेवानिवृत्ति के तीन महीने बाद ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं. सुर्खियों या विवादों से दूर रहने वाले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी और नलिन यादव को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फ़ैसले को रद्द कर दिया था. सोशल मीडिया पर मशहूर जस्टिस आर्य कलेक्टरों, पुलिस अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों को डांटते हुए कोर्ट क्लिप पर लाखों व्यूज हैं. दूध में मिलावट को लेकर नौ जिला कलेक्टरों को डांटने से लेकर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ बोल्ड बयान देने तक, यूट्यूब पर कई ऐसे वीडियो हैं, जिनमें जस्टिस आर्य मामलों की सुनवाई करते हुए अपने खास कॉमिक अंदाज में अधिकारियों को डांटते और फटकारते नजर आ रहे हैं. #WATCH | My favorite Justice Rohit Arya Madhya Pradesh HC is back “Main, main, main, main… you have to listen to us. We are not your guardian, we are not your parents, we are Court” ▪️This is a case where woman is doing her PhD since 2019 & now refuses to vacate flat alloted… pic.twitter.com/Zry42Ai5BJ — Arnaz Hathiram (@ArnazHathiram) October 12, 2023

कैसे बने जज
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति आर्य ने मध्य प्रदेश के भोपाल में भाजपा राज्य कार्यालय में एक कार्यक्रम में भाजपा मध्य प्रदेश प्रमुख डॉ राघवेंद्र शर्मा से सदस्यता प्राप्त की. 1962 में जन्मे पूर्व न्यायाधीश ने 1984 में एक वकील के रूप में नामांकन कराया. वह 2003 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक वरिष्ठ अधिवक्ता बन गए. 2013 में उन्हें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2015 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. वह तीन महीने पहले 27 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हुए.

विवादों से दूर रहने वाले जस्टिस आर्य ने 2020 में एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी थी, ताकि वह शिकायतकर्ता के सामने पेश हो सके और जमानत पर रिहा होने की शर्त के तौर पर वह उसकी कलाई पर “राखी” बांध सके. आरोपी से यह वादा भी करने को कहा गया कि वह भविष्य में भी महिलाओं की पूरी तरह से रक्षा करेगा.

सोशल मीडिया पर सरसरी तौर पर खोज करने पर कई वीडियो क्लिप मिल जाएंगे, जिनमें न्यायमूर्ति आर्य कई मामलों में सरकारी अधिकारियों को उनके विशिष्ट व्यंग्यात्मक अंदाज में फटकार लगाते हुए, उन्हें कदाचार के लिए, विशेष रूप से “राजनेताओं की खुशी” के लिए काम करने पर, गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देते नजर आ रहे हैं.

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