पिता सूबेदार मेजर बचपन से था वर्दी का शौक यहां से पढ़कर बनीं लेफ्टिनेंट
पिता सूबेदार मेजर बचपन से था वर्दी का शौक यहां से पढ़कर बनीं लेफ्टिनेंट
Indian Army Success Story: बच्चे जब अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने लगे, तो एक पिता के लिए इससे अच्छी खुशी कुछ हो ही नहीं सकती. ऐसी ही कहानी एक लड़की की है, जो सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं.
Indian Army Success Story: एक पिता के लिए सबसे खुशी की बात तब होती है, जब उनका बच्चा उन्हीं की तरह उनके नक्शे कदम पर चले. ऐसी ही कहानी एक लड़की की है, जो अपने पिता की तरह ही डिफेंस सर्विसेज को ज्वाइन किया है. उनके पिता भी डिफेंस में सूबेदार मेजर हैं. अब वह नर्सिंग सर्विस के जरिए सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम वंदना यादव है. उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्व महसूस कराया, बल्कि अन्य बेटियों को भी प्रेरित किया है.
पिता हैं सूबेदार मेजर और चाचा रहे मुखिया
लेफ्टिनेंट वंदना (Vandana Yadav) बिहार के समस्तीपुर के सिमरिया भिंडी पंचायत के मालीपुर गांव की रहने वाली हैं. उनके चाचा जयप्रकाश यादव इसी पंचायत के पूर्व मुखिया रह चुके हैं. वह बताते हैं कि उनके भाई सूबेदार मेजर प्रकाश यादव असम राइफल्स में पदस्थ हैं और उनकी बेटी वंदना ने लखनऊ में ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद लेफ्टिनेंट के पद के लिए शपथ ली. उनके पिता जयप्रकाश यादव बताते हैं कि यह सिर्फ हमारे परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे पंचायत और क्षेत्र के लिए गर्व की बात है.
यहां से की पढ़ाई
वंदना ने अपनी बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कमांड हॉस्पिटल लखनऊ से की थी. उनकी कड़ी मेहनत और लगन के कारण ही उन्हें इस प्रतिष्ठित पद पर चयन मिला है. वंदना बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी और उन्हें हमेशा अपने पिता की वर्दी पहनने का शौक था. वंदना की सफलता ने पूरे क्षेत्र को गर्व महसूस कराया है. एक छोटे से गांव की लड़की ने अपनी मेहनत से यह साबित कर दिया कि छोटे शहरों से भी बड़ी सफलताएं हासिल की जा सकती हैं.
मेहनत और लगन से कुछ भी किया जा सकता है हासिल
वंदना की सफलता ने न केवल उनके परिवार और गांव को गर्वित किया, बल्कि इसने अन्य विद्यार्थियों को भी यह संदेश दिया कि कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. इस सफलता से अन्य बेटियों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वे अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित होंगी. वंदना के लेफ्टिनेंट पद पर चयन की खबर जैसे ही पूरे गांव में फैली, वहां खुशी का माहौल बन गया है. गांव के लोग वंदना की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं, और उन्हें उम्मीद है कि इस सफलता से अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा मिलेगी.
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Tags: Assam Rifles, Indian army, Indian Army news, Success StoryFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 13:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed