क्या इस बार शुरू हो जाएगा बुंदेलखंड का पहला नेत्र बैंक

सालों पहले महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नेत्र बैंक बनाने की कवायद शुरू की गई थी, पर हर बार कोई न कोई अड़ंगा लगता रहा. अब मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है, इसलिए इसी में नेत्र बैंक स्थापित करने की तैयारी है.

क्या इस बार शुरू हो जाएगा बुंदेलखंड का पहला नेत्र बैंक
झांसी. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज अब लोगों के जीवन से अंधेरा हटाने का माध्यम बनेगा. मेडिकल कॉलेज में नेत्र बैंक बनाने की कवायद अब सफल होती दिख रही है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. उम्मीद जताई गई है कि साल के अंत तक इसके लिए बजट आवंटित हो जाएगा. यह नेत्र बैंक बुंदेलखंड का पहला नेत्र बैंक होगा. गौरतलब है कि नेत्र बैंक, दान की गई आंखों को एकत्रित करने, उनका मूल्यांकन करने, और उन्हें कॉर्निया प्रत्यारोपण, अनुसंधान, और शिक्षा के लिए वितरित करने वाली संस्था है. कॉर्निया प्रत्यारोपण से किसी दृष्टिहीन को आंखों की रोशनी प्रदान की जाती है. बुंदेलखंड में ऐसे कई लोग हैं, जो नेत्रदान करने के इच्छुक हैं, पर यहां नेत्र बैंक न होने से ऐसे लोगों की दूसरों को रोशनी देने की इच्छा अधूरी रह जाती है. कई समाजसेवी संस्थाएं भी नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य करती हैं. इसी को देखते हुए सालों पहले महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नेत्र बैंक बनाने की कवायद शुरू की गई थी, पर हर बार कोई न कोई अड़ंगा लगता रहा. अब मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है, इसलिए इसी में नेत्र बैंक स्थापित करने की तैयारी है. नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों ने इसका एस्टीमेट व प्रस्ताव तैयार कर प्राचार्य डॉ एनएस सेंगर को सौंपा था, जिसे अब शासन को भेज दिया गया है. कई लोगों को मिलेगा नया जवान चिकित्सकों के अनुसार साल के अंत तक इसका बजट प्राप्त होने की उम्मीद है, जिसके बाद इसे स्थापित कराने का कार्य शुरू करा दिया जाएगा. मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार कार्य शुरू होने से 6 माह के भीतर ही इसका संचालन शुरू हो जाएगा. मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि नेत्र बैंक का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. जल्द ही बुंदेलखंड का पहला नेत्र बैंक मेडिकल कॉलेज में स्थापित होगा. यह दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए किसी बड़ी सौगात से कम साबित नहीं होगा. इसके जरिए जन्म से देखने में अक्षम व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान की जाएगी. Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 18:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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