आरोप: 1950 में खुद नेहरू ने संविधान को बांट दिया था कांग्रेस का रवैया

Muslim Rashtriya Manch: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन यह बताए कि अगर मुस्लिमों को आरक्षण दिया जाएगा तो फिर क्या बाकी समुदाय आरक्षण को लेकर आंदोलन नहीं करेंगे? मुस्लिमों को आरक्षण मिलने के बाद सिखों, बौद्धों, पारसियों, जैनियों, ईसाइयों एवं अन्य धर्मों के भी अनेकों फिरके, क्या सभी आंदोलन के लिए उठ नहीं खड़े होंगे?

आरोप: 1950 में खुद नेहरू ने संविधान को बांट दिया था कांग्रेस का रवैया
नई दिल्ली. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि मुस्लिम वोटों के लालच में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश तोड़ने की साजिश कर रहे हैं और ये दल भारतीय लोकतंत्र के लिए अभिशाप हैं. नई दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में ‘मजहबी आरक्षण या मजहबी उन्माद की साजिश?’ टॉपिक के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक, मुख्य सरंक्षक एवं संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस, ममता बनर्जी, इंडी गठबंधन के अन्य दल और मुस्लिम आरक्षण के हिमायती मुस्लिम वोट खरीदने के लालच में देश में जहर बो रहे हैं. ऐसे लोग देश विभाजन के द्रोही जैसे हैं. उलेमा, मुफ्ती, मुस्लिम बुद्धिजीवी, युवा, महिलाओं के साथ-साथ मुस्लिम फिरके से जुड़े लोगों की मौजूदगी में बोलते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस तरह के तुष्टीकरण के चक्कर में देश जुड़ेगा नहीं, बल्कि बंट जाएगा. जवाहर लाल नेहरू सहित संविधान निर्माताओं ने भी धर्म के नाम पर आरक्षण का विरोध किया था क्योंकि सभी का यही मानना था कि धर्म के आधार पर राजनीति के कारण ही देश का विभाजन हुआ था. संघ नेता ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस का रवैया संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने वाला रहा है. सन 1950 में स्वयं जवाहरलाल नेहरू ने संविधान को बांट दिया था. जम्मू कश्मीर को अलग संविधान और अलग नागरिकता देकर कांग्रेस ने संविधान और लोकतंत्र पर क्रूर प्रहार किया. उसके विरुद्ध आंदोलन चला, अनेकों बलिदान हुए. हजारों राष्ट्रवादियों को जेल जाना पड़ा. आखिरकार 5 अगस्त 2019 को देश एक संविधान, एक झंडा और एक नागरिकता में बदला और यह सब कुछ संभव हुआ राष्ट्रवादी दल भाजपा, एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण. इंदिरा गांधी ने भी देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन यह बताए कि अगर मुस्लिमों को आरक्षण दिया जाएगा तो फिर क्या बाकी समुदाय आरक्षण को लेकर आंदोलन नहीं करेंगे? मुस्लिमों को आरक्षण मिलने के बाद सिखों, बौद्धों, पारसियों, जैनियों, ईसाइयों एवं अन्य धर्मों के भी अनेकों फिरके, क्या सभी आंदोलन के लिए उठ नहीं खड़े होंगे? ऐसे में आप किसको आरक्षण देंगे और किसको नहीं? क्या इससे देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता, समरसता और भाईचारा बर्बाद नहीं होगा? उन्होंने कहा कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, लेकिन, कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने समाज में जहर घोल दिया है. कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश को नहीं मानने की ममता बनर्जी की घोषणा ने यह साबित कर दिया है कि ऐसे लोगों को न संविधान की इज्जत करना आता है और न ही न्यायपालिका का सम्मान करना आता है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का तानाशाही रवैया देश और समाज को विखंडित करने वाला है और देश को सुरक्षित रखने के लिए ममता बनर्जी की तानाशाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि जातीय के साथ-साथ आर्थिक आरक्षण तो मंजूर है. लेकिन, धर्म के आधार पर आरक्षण देश के एससी, एसटी और ओबीसी कोटे पर कुठाराघात है. मजहबी आरक्षण के लिए एससी, एसटी और ओबीसी कोटे पर कितना हथौड़ा चलेगा, इंडी गठबंधन को इसका भी जवाब देना चाहिए. कार्यक्रम में मौजूद मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध करते हुए कहा कि संविधान और देश को खतरा कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों से है. Tags: BJP, Congress, Indresh Kumar, Jawaharlal NehruFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 23:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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