Japanese Encephalitis:कोरोना के बाद अब जापानी इंसेफेलाइटिस का खौफ जानिए क्या है इस बीमारी के लक्षण

Japanese Encephalitis in India: कोरोना के बाद जापानी इंसेफेलाइटिस जिसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है, का खौफ अब लोगों को होने लगा है. नोर्थ ईस्ट के राज्यों में जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जापानी इंसेफेलाइटिस एक खतरनाक बीमारी है जिसमें शुरुआत में डॉक्टर के पास जाना पड़ता है.

Japanese Encephalitis:कोरोना के बाद अब जापानी इंसेफेलाइटिस का खौफ जानिए क्या है इस बीमारी के लक्षण
हाइलाइट्सजुलाई से लेकर अब तक असम में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस से 400 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैंबुखार, सिर दर्द और उल्टी जापानी इंसेफेलाइटिस के प्रारंभिक लक्षण है. Japanese Encephalitis: देश में जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रकोप बढ़ गया है. पिछले कुछ महीनों से असम और मिजोरम में जापानी इंसेफेलाइटिस के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है. इस साल जुलाई से लेकर अब तक असम में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस से 400 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. जापानी इंसेफेलाइटिस का इंफेक्शन बहुत घातक होता है जिसमें अगर बीमारी गंभीर हो जाए तो बहुत जल्दी मौत भी हो जाती है. बच्चों और बुजुर्गों को यह बीमारी ज्यादा असर करती है. जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस या एलर्जी एक मच्छर जनित फ्लेवीवायरस है जो मच्छरों के काटने से फैलता है. इसके चपेट में आने के बाद मरीज के ब्रेन में सूज जाता है, जिससे मौत का जोखिम बहुत बढ़ जाता है. इसे जापानी इंसेफेलाइटिस इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि 1871 में पहली बार इस वायरस का मामला जापान में दर्ज किया गया था. इसे भी पढ़ें-Weight loss medicine: डायबिटीज की किस दवाई से कम होता है वजन, एक्सपर्ट से जानिए सही नाम  कैसे फैलता है जापानी इंसेफेलाइटिस अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की वेबसाइट सीडीएस के मुताबिक जापानी इंसेफेलाइटिस फ्लेवीवायरस है. जब फ्लेवीवायरस से संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर किसी दूसरे को काटाता है तब उस व्यक्ति को जापनी इंसेफेलाइटिस का संक्रमण हो जाता है. यह डेंगू, पीला बुखार और वेस्ट नाइल वायरस के समान जीन से संबंधित है. यह वायरस मच्छर और जानवरों में अपना चक्र पूरा करता है. यह पहले सूअर और फिर मच्छर में आता है फिर मच्छर से सूअर में आता है. जब वायरस से संक्रमित मच्छर इंसान को काटता है तब जापानी इंसेफेलाइटिस होता है. मच्छर काटने के 5 से 15 दिनों के बीच इंसान बीमार पड़ता है. जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण बुखार, सिर दर्द और उल्टी जापानी इंसेफेलाइटिस के प्रारंभिक लक्षण है. इंफेक्शन के अगले कुछ दिनों में मानसिक स्थिति में बदलाव, न्यूरो संबंधी दिक्कतें, कमजोरी और मूवमेंट संबंधी विकार शुरू हो जाते हैं. इस बीमारी में दौरे भी पड़ते हैं, खासकर बच्चों में. हालांकि बीमारी के बाद कुछ लक्षणों में सुधार होने लगता है लेकिन 30 से 50 प्रतिशत लोगों में तंत्रिका संबंधी, संज्ञानात्मक या मनोरोग संबंधी लक्षण बने रहते हैं. जापानी इंसेफेलाइटिस का इलाज क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस का कोई खास इलाज नहीं है लेकिन लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इसका इलाज करते हैं. जापानी इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए वैक्सीन भी आ चुकी है. इस बीमारी में आराम करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा तरल पदार्थ लेते रहे. दर्द की दवा शुरुआत में असरदार हो सकती है. गंभीर लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती करना जरूरी है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Health, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : December 08, 2022, 06:00 IST