देश में पहली बार होगी पक्षियों की जनगणना! लेकिन ये हो क्यों रहा
देश में पहली बार होगी पक्षियों की जनगणना! लेकिन ये हो क्यों रहा
Bird Census: जामनगर में पहली बार आयोजित अनोखी पहल ने प्रकृति प्रेमियों को जोड़ते हुए पक्षी संरक्षण और जनगणना की दिशा में नया अध्याय जोड़ा. यह आयोजन तटीय पक्षियों के महत्व को समझाने और उनके संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करता है.
देश में पहली बार, गुजरात के जामनगर में 3 से 5 जनवरी तक ‘तटीय पक्षियों’ की जनगणना आयोजित की गई. इस अभियान के तहत जामनगर के जोडिया से लेकर द्वारका के ओखा तक के तटीय क्षेत्र को कवर किया गया. यह पहल वन विभाग और बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी के संयुक्त प्रयास से संभव हुई, जिसमें लगभग 150 से 200 वनकर्मी, बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी के सदस्य और पक्षी प्रेमी शामिल हुए.
किचड़िया-वाडर्स
जामनगर के खिजड़िया पक्षी अभयारण्य और आसपास के क्षेत्रों में हर साल लाखों पक्षी आते हैं. वर्षों से, किचड़िया-वाडर्स पक्षी जामनगर की सुंदरता में चार चांद लगाते आ रहे हैं. यहां 300 से अधिक स्थानीय और प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें अकेले खिजड़िया में 50 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं. इन पक्षियों की पहली बार गिनती के लिए इस तरह का आयोजन किया गया, जिससे उनकी संख्या और प्रवास संबंधी जानकारियां एकत्रित हो सकें.
तीन दिवसीय कार्यक्रम
इस आयोजन का पहला दिन विशेषज्ञों के व्याख्यानों के लिए समर्पित था, जबकि दूसरे दिन पक्षियों की गिनती की गई. तीसरे दिन ज्ञान साझा करने और समापन कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें तटीय पक्षियों के साथ शिकारी पक्षियों की भी गिनती की गई. यह आयोजन जामनगर के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ, जिसे पक्षी प्रेमियों ने ‘तटीय पक्षियों का स्वर्ग’ करार दिया.
गुजरात का समुद्री राष्ट्रीय उद्यान
गुजरात के हलार क्षेत्र में स्थित भारत का पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और समुद्री अभयारण्य, प्रवासी पक्षियों के लिए विशेष महत्व रखता है. यह क्षेत्र जल पक्षियों के वार्षिक प्रवास के दौरान उनके फ्लाईवे का प्रमुख हिस्सा है. खिजड़िया पक्षी अभयारण्य, नारारा और अन्य क्षेत्रों ने हमेशा पक्षी प्रेमियों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों को आकर्षित किया है.
बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी
बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी गुजरात (बीसीएसजी) एक स्वैच्छिक संगठन है, जो पिछले 25 वर्षों से पक्षी संरक्षण, गिनती, अवलोकन और जन जागरूकता के लिए काम कर रहा है. इस आयोजन से पक्षियों की संख्या का वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जा सकेगा, जिससे पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण में मदद मिलेगी.
Tags: Ajab Gajab, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 17:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed