आजाद की पार्टी बिगाड़ सकती है कइयों का खेल अल्ताफ बुखारीसज्जाद लोन के सपनों पर फिर सकता है पानी

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से ‘अपनी पार्टी’ कई नेताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही है. इसी तरह पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की उत्तरी कश्मीर में ठीकठाक मौजूदगी थी. उसने पिछले कुछ साल में राज्य के दक्षिणी हिस्सों में भी विस्तार किया था. लेकिन आजाद के नई पार्टी बनाने की घोषणा ने अब राज्य के इन दोनों संगठनों के नेताओं को अपनी योजनाओं पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है.

आजाद की पार्टी बिगाड़ सकती है कइयों का खेल अल्ताफ बुखारीसज्जाद लोन के सपनों पर फिर सकता है पानी
हाइलाइट्सअनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से ‘अपनी पार्टी’ कई नेताओं को आकर्षित करने में सफल रही है.पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने उत्तरी कश्मीर के साथ राज्य के दक्षिणी हिस्सों में भी विस्तार किया था. गुलाम नबी आजाद के नई पार्टी बनाने की घोषणा से दोनों पार्टियों से लोग निकलने शुरू हुए. श्रीनगर. गुलाम नबी आजाद के जम्मू-कश्मीर में एक नई पार्टी बनाने की तैयारी के साथ ही अल्ताफ बुखारी और सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली ‘अपनी पार्टी’ और ‘पीपुल्स कॉन्फ्रेंस’ जैसे दलों को अपने लोगों को एकजुट रखना मुश्किल हो सकता है. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से अपनी पार्टी कई नेताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही है. इसी तरह पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की उत्तरी कश्मीर में ठीकठाक मौजूदगी थी. उसने पिछले कुछ साल में राज्य के दक्षिणी हिस्सों में भी विस्तार किया था. लेकिन आजाद के नई पार्टी बनाने की घोषणा ने अब राज्य के इन दोनों संगठनों के नेताओं को अपनी योजनाओं पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक जम्मू में अपनी पहली रैली के बाद आजाद की संभावनाओं को बढ़ता देख इन दोनों पार्टियों के कई नेता अब पाला बदलने और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के खेमे में शामिल होने के बारे में सोच रहे हैं. जम्मू में आजाद की रैली से पहले कांग्रेस के कुछ नेता बुखारी के संपर्क में थे, लेकिन अब वे गुलाम नबी आजाद से जुड़ गए. आजाद अब राज्य का दौरा कर रहे हैं और केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न इलाकों के प्रतिनिधिमंडलों और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. उत्तरी कश्मीर के एक पूर्व विधायक शोएब लोन ने अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी. अब वे एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की आजाद की घोषणा के बाद उनके साथ जुड़ गए. शोएब लोन ने भी जम्मू में रैली में हिस्सा लिया और बारामूला से आजाद की पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. लोन ने कहा कि ‘हां, मैंने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और गुलाम नबी आजाद से जुड़ गया हूं, जो एक दूरदर्शी नेता हैं और जिनका मुख्यमंत्री के रूप में सफल कार्यकाल रहा है.’ खबरों के मुताबिक उनके जैसे कई अन्य लोग अपनी पार्टी से निकल गए हैं और आजाद के खेमे में शामिल हो गए हैं. हालांकि अपनी पार्टी ने इसे पार्टी को कमजोर करने की अफवाह करार दिया. अपनी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ‘कोई भी पार्टी नहीं छोड़ेगा. हमारी पार्टी दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है. आजाद की पार्टी से हमें कोई खतरा नहीं होगा. हां, कुछ नेता जो हमसे जुड़ने की योजना बना रहे थे, वे अब हमारी पार्टी में शामिल नहीं होंगे.’ कश्मीर का दौरा कर रहे आजाद के ऐसे कई नेताओं से मिलने की संभावना है, जो विभिन्न राजनीतिक दलों में हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री आजाद के साथ उनके निजी संबंध हैं. आजाद के कुछ करीबी सहयोगी अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में इस उम्मीद के साथ शामिल हुए थे कि जब भी यूटी में चुनाव होते हैं, तो दोनों पार्टियों में अगली सरकार बनाने की क्षमता है. जम्मू-कश्मीर: कब बनेगी गुलाम नबी आजाद की नई पार्टी और क्या होगा मैनिफेस्टो? जानें सब कुछ जबकि पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रवक्ता अदनान अशरफ ने कहा कि उनकी पार्टी का एक भी नेता या कार्यकर्ता आजाद की पार्टी में शामिल नहीं होगा. वे सभी लोग जो पीसी का हिस्सा हैं, समर्पित, कार्यकर्ता और नेता हैं. वे कभी भी पार्टी नहीं छोड़ेंगे. बहरहाल जब से आजाद ने एक नई पार्टी बनाने की घोषणा की है, अपनी पार्टी के नेतृत्व ने अनुच्छेद 370 के निरसन में उनकी कथित भूमिका के लिए आजाद को सीधे निशाना बनाना शुरू कर दिया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Altaf Bukhari, Ghulam nabi azad, Jammu and kashmir, New PartyFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 08:26 IST