चुनार का किला हो या नवाबों का महल ऐतिहासिक महत्व के ऐसे 10 स्थलों में ठहर सकेंगे आप जानें UP सरकार का प्लान
चुनार का किला हो या नवाबों का महल ऐतिहासिक महत्व के ऐसे 10 स्थलों में ठहर सकेंगे आप जानें UP सरकार का प्लान
क्या आप गंगा नदी के किनारे स्थित मिर्जापुर के ऐतिहासिक चुनार किले या लखनऊ में नवाबों के पूर्व महल राजसी छतर मंजिल में रहना चाहेंगे? जी हां, यह जल्द ही संभव हो सकता है. क्योंकि योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में 10 ऐतिहासिक किलों और विरासत स्मारकों को होटल या रिजॉर्ट में बदलने की योजना बना रही है.
नई दिल्लीः क्या आप गंगा नदी के किनारे स्थित मिर्जापुर के ऐतिहासिक चुनार किले या लखनऊ में नवाबों के पूर्व महल राजसी छतर मंजिल में रहना चाहेंगे? जी हां, यह जल्द ही संभव हो सकता है. क्योंकि योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में 10 ऐतिहासिक किलों और विरासत स्मारकों को होटल या रिजॉर्ट में बदलने की योजना बना रही है.
up24x7news.com ने इस सप्ताह यूपी सरकार द्वारा मंगाई गई बिड के बारे में जानकारी हासिल की है, जिसमें राज्य के 10 ऐतिहासिक किलों और हेरिटेज मान्यूमेंट्स को होटल और रिजॉर्ट में तब्दील करने के लिए, फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की बात कही गई है और एक सलाहकार की मांग की गई है. दस्तावेज के अनुसार, विचार यह है कि ‘पहचाने गए किलों के विरासत चरित्र को बनाए रखते हुए उनका होटल या रिजॉर्ट आदि के रूप में पब्लिक के लिए खोला जा सके, इसके लिए उन्हें विरासत संपत्तियों के रूप में परिवर्तित करके पुनः उपयोग को बढ़ावा देना है.’ इसमें कहा गया है कि राज्य में ऐतिहासिक महत्व के 10 किलों और ऐतिहासिक स्मारकों की पहचान पर्यटन गतिविधियों, मूल्य सृजन और रोजगार सृजन के केंद्रों के रूप में उन्हें बढ़ावा देने के लिए की गई है.
इन 10 ऐतिहासिक स्थलों को होटल रिजॉर्ट में बदलने की पेशकश
ये 10 ऐतिहासिक किले या विरासत स्मारक हैं लखनऊ में छतर मंजिल, मिर्जापुर में चुनार किला, लखनऊ में कोठी गुलिस्तान-ए-इरम, लखनऊ में कोठी रोशन-उद-दौला, झांसी में बरुआ सागर किला, लखनऊ में कोठी दर्शन विला, कानपुर के पास बिठूर में टिकैत राय बारादरी, कानपुर में शुक्ला तालाब, मथुरा में बरसाना जलमहल और झांसी में रघुनाथ राव महल.
लखनऊ के उपरोक्त सभी भवन अवध के नवाबों के युग की हैं. बरुआ सागर किला रानी लक्ष्मी बाई का ग्रीष्मकालीन महल हुआ करता था, कानपुर में शुक्ला तालाब 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है और तांतिया टोपे, जबकि मथुरा में बरसाना जलमहल राधा रानी से जुड़ा हुआ है. यह पानी के अंदर बना 5 मंजिला महल है.
सलाहकार की नियुक्ति क्यों कर रही है यूपी सरकार?
यूपी सरकार के बिड के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को लेकर एक सलाहकार की नियुक्ति होगी, जो चिन्हित किए गए ऐतिहासक किलों और विरासत स्मारकों के टूरिज्म पोटेंशियल का आकलन करेगा, इस प्रोजेक्ट को लागू करने में आने वाली चुनौतियों और बाधाओं, निवेश क्षमता का विश्लेषण, बाजार की संभावनाओं को मापने, भविष्य के विकास के रुझान संबंधी मानकों की पहचान करेगा. सलाहकार इन स्थानों को परिवहन संपर्क, जैसे सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए भी संभावनाओं का आकलन करेगा.
दस्तावेज में कहा गया है कि इस कदम के पीछे का विचार पर्यटन को विकास के इंजन के रूप में क्षेत्रीय आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का केंद्र बनाना, शहरी एचं पर्यटन विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना और निजी क्षेत्र के लिए पर्यटन से संबद्ध बुनियादी ढांचे को विकसित करने के अवसर पैदा करना है. यूपी सरकार का कहना है कि इससे समुदाय को सामाजिक.आर्थिक लाभ मिलेगा और उत्तर प्रदेश की अनूठी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण को प्रभावी और समन्वित तरीके से संरक्षित, समृद्ध करने के प्रयासों को और बढ़ावा मिलेगा.
प्रस्तावित परियोजना को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना विकसित की जाएगी, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सर्वोत्तम सुविधाओं से सुसज्जित होगी. बिड में उल्लेख किया गया है कि यह योजना किले और इसके आस-पास के चिन्हित क्षेत्रों के लिए संरक्षण का प्रस्ताव करेगी. यह निजी निवेश और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक अच्छी राजस्व क्षमता वाली प्रस्तावित योजना है.
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Tags: Historical monument, Uttar Pradesh Government, Yogi governmentFIRST PUBLISHED : July 31, 2022, 07:51 IST