रवि सीजन में एक ही खेत में ऐसे करें आलू गोभी मटर और पपीता की खेती! जमीन का 4
रवि सीजन में एक ही खेत में ऐसे करें आलू गोभी मटर और पपीता की खेती! जमीन का 4
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान अपनी एक ही फसल में एक ही समय में, एक बार में कई फसलें ले सकते हैं. जिससे किसान अपने कम क्षेत्रफल के खेत से अपनी आमदनी को 4 गुना कर सकते हैं. लेकिन किसानों को समय, जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए फसलों का चयन करना होगा.
शाहजहांपुर : बढ़ती जनसंख्या और तेजी से हो रहे शहरीकरण की वजह से कृषि योग्य भूमि लगातार कम होती जा रही है. खेती करने वाले किसानों का दायरा छोटा होता जा रहा है, लेकिन ऐसे में जिन किसानों के पास कम खेत है. वह भी उससे 3 से 4 गुना तक आमदनी ले सकते हैं. छोटे किसानों के लिए मल्टी लेयर फार्मिंग फायदे का सौदा है. मल्टी लेयर खेती यानी एक ही जगह पर एक साथ कई तरह की फसलें उगाना. ये कई मायनों में किसानों के लिए फायदेमंद है. किसानों को एक ही जगह से कई तरह की फसलें मिलती हैं, जिससे पैदावार बढ़ जाती है. एक बार सिंचाई से कई फसलों को पानी मिल जाता है, जिससे पानी की काफी बचत होती है. जमीन का हर हिस्सा उपयोग में आता है, जिससे जमीन का अधिकतम उपयोग होता है. कई तरह की फसलें होने से साल भर आय होती रहती है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान अपनी एक ही फसल में एक ही समय में, एक बार में कई फसलें ले सकते हैं. जिससे किसान अपने कम क्षेत्रफल के खेत से अपनी आमदनी को 4 गुना कर सकते हैं. लेकिन किसानों को समय, जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए फसलों का चयन करना होगा. किसान एक ही खेत में जड़ वाली फसलें, सतह पर होने वाली फसलें, मचान विधि से कद्दू वर्गीय सब्जियां और फलदार वृक्षों को लगाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
सबसे पहले उगाएं जड़ वाली फसलें
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान जड़ वाली फसलों में आलू, चुकंदर, मूली, गाजर, अदरक, हल्दी और अरबी की फसल लगा सकते हैं. किसानों को ध्यान रखना है कि वह अपनी मिट्टी, जलवायु और समय को ध्यान में रखकर फसलों का चयन करें. जिससे उनको कम क्षेत्रफल में अच्छी आमदनी मिले.
सतह पर करें इन सब्जियों की खेती
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि जड़ वाली फसलों के बाद किसान सतह के ऊपर भी फसल उगा सकते हैं. किसान उड़द, मूंग, लोबिया, भिंडी और मटर की खेती कर सकते हैं. इतना ही नहीं बैंगन, गोभी, हरी मिर्च और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों को भी लगाया जा सकता है.
मचान विधि का करें उपयोग
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि सतह पर होने वाली फसलों के बाद किसान मचान विधि से कद्दू वर्गीय फसलें कर सकते हैं. जिसमें किसान मचान बनाकर खीरा, ककड़ी, लौकी और तोरई की फसल ले सकते हैं. जिससे सतह पर होने वाली फसल भी सुरक्षित रहेगी. मचान पर कद्दू वर्गीय सब्जियां किसानों को अतिरिक्त आमदनी देंगे.
फलदार वृक्षों से आमदनी होगी चार गुना
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान जड़ वाली फसल, सतह पर होने वाली फसल और मचान विधि के अलावा बीच में फलदार वृक्ष लगाकर अपनी आमदनी को और बढ़ा सकते हैं. किसान कम ऊंचाई वाले पौधे जैसे नींबू, उन्नत किस्म के आम, अमरूद और पपीता की खेती कर सकते हैं. जिससे उनकी सतह और मचान की फसलें भी सुरक्षित रहेगी. फलदार वृक्ष उनको अतिरिक्त आमदनी देंगे.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 14:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed