किस PM को लगानी पड़ी थी जज साहब के सामने हाजिरी कठघरे में मिली थी कुर्सी
किस PM को लगानी पड़ी थी जज साहब के सामने हाजिरी कठघरे में मिली थी कुर्सी
Lok Sabha Chunav: पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के रायबरेली सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया था. साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी थी. इसके बाद इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर देश के लोगों के साथ क्या व्यवहार किया. आइए जानते हैं कि इस पूरे केस के बारे में.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. शनिवार को लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान होने वाला है. छठवें चरण में होने वाले इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 मई को अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने नेहरू और गांधी परिवार की जन्मभूमि और कर्मभूमि माने जाने वाले इलाहाबाद में मोदी ने इंदिरा गांधी के आपातकाल को याद दिलाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के मुद्दे को उठाया.
पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के रायबरेली सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया था. साथ ही उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी थी. इसके बाद इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर देश के लोगों के साथ क्या व्यवहार किया. उसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इसके बावजूद कांग्रेस का चरित्र आज तक नहीं बदला है.
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क्या हुआ था
दरअसल साल 1969 में कांग्रेस का ऐतिहासिक विभाजन हुआ था. कांग्रेस विभाजन के बाद साल 1971 में लोकसभा का मध्यावधि चुनाव हुआ. प्रीविपर्स के खात्मे और बैंको के राष्ट्रीयकरण ने इंदिरा गांधी की गरीब समर्थक छवि को भारी चमक दी थी. विपक्ष और कांग्रेस से किनारा किए जा चुके नेताओं ने इंदिरा गांधी के खिलाफ महागठबंधन बनाया था. इसी चुनाव में उनके खिलाफ वोटों की गिनती में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया. इंदिरा की अगुवाई में कांग्रेस (इंडीकेट) को 352 सीटें हासिल हुईं.
क्यों इंदिरा गांधी को जाना पड़ा कोर्ट
जुझारू समाजवादी राजनारायण चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने इंदिरा पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के पद पर रहते सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इंदिरा के चुनाव की वैधता को चुनौती दी. साल 1974 में जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा के समक्ष इस याचिका के सूचीबद्ध होने के बाद सुनवाई ने गति पकड़ी. इस दौरान कोर्ट की कार्यवाही अखबारों के जरिए लोगों की खूब उत्सुकता बढ़ा रही थी. इंदिरा गांधी की तरफ से मामला गड़बड़ होने के बाद उन्हें खुद कोर्ट में गवाही देने आना पड़ा.
कटघरे में मिली थी कुर्सी
18 मार्च 1975 यह वह दिन था जब इंदिरा गांधी कोर्ट में गवाही देने के लिए पहुंचीं. इस दिन वह हुआ जिसकी भारतीय राजनीति के इतिहास में कोई कल्पना नहीं कर सकता है. यह सिर्फ भारत के लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए ब्रेकिंग न्यूज थी. क्योंकि कोर्ट में खुद उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गवाही देने पहुंची थी. इस दौरान जज ने उन्हें कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया. हालांकि कटघरे में उनके लिए एक कुर्सी जरूर लगवाई गई थी.
फैसले के बाद लगाई गई थी इमरजेंसी
12 जून 1975 एक दिन इतिहास में दर्ज किया गया. उस दिन सुबह जस्टिस सिन्हा की अदालत खचा-खच भरी हुई थी. फैसला सुनाए जाने के दौरान या बाद में ताली न बजाए जाने के निर्देश अनसुने रहे. फैसला 258 पेज का था. इंदिरा गांधी का रायबरेली से निर्वाचन दो बिंदुओं पर अवैध और शून्य घोषित किया गया. सरकारी सेवा में रहते हुए चुनाव में यशपाल कपूर की सेवाओं को प्राप्त करने का आरोप सही पाया गया. इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी देश में आपातकाल लगाने को मजबूर हो गईं.
Tags: Indira Gandhi, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, PM ModiFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 09:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed