स्वदेशी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सितंबर 2026 से मिलेगा 30 अक्टूबर को पीएम मोदी रखेंगे आधारशिला
स्वदेशी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सितंबर 2026 से मिलेगा 30 अक्टूबर को पीएम मोदी रखेंगे आधारशिला
एविऐशन के क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और विमान निर्माण के काम में लगी देशी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने कमर कस ली है. 30 अक्टूबर को पीएम मोदी गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विमान बनाने के लिए शुरु होने वाले प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे.
एविऐशन के क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और विमान निर्माण के काम में लगी देशी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने कमर कस ली है. 30 अक्टूबर को पीएम मोदी गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट विमान बनाने के लिए शुरु होने वाले प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे. इश प्रोजेक्ट की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है और खास बात ये कि ये एयरक्राफ्ट गैर सैन्य सेवा के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकेंगे.
भारत में बनने वाला पहला ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
दरअसल कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यूरिटी ने सितंबर 2021 को 56 सी-295 एमडब्लू ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट खरीदने को मंजूरी दी थी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने एयरबस डिफेंस समेत एक और कंपनी के साथ करार पर हस्ताक्षर किए थे. सौदे के मुताबिक 16 ऐसे बने बनाए उड़ने की स्थिति वाले विमान को भारत को दिया जाना था और 40 विमानों को भारत में बनाया जाएगा. भारत में इन्हें बनाने का काम विमान टाटा कंसोर्टियम करेगी. देश के इतिहास में ये पहला प्रोजेक्ट बनने जा रहा है जिसमें सैन्य विमान को निजी क्षेत्र द्वारा बनाया जाएगा. एयरबस डिफेंस पहले 16 विमानों की डिलिवरी सितंबर 2023 से लेकर अगस्त 2025 तक पूरा करेगा. जबकि भारत की ही एक निजी कंपनी द्वारा बना भारत का पहला मेक इन इंडिया एयरक्राफ्ट सितंबर 2026 में सेना के सुपुर्द किए जाएगा.
एविएशन के क्षेत्र में मेक इन इंडिया
5 से 10 टन क्षमता वाले इन सी-295 एमडब्लू ट्रांसपोर्ट विमानों की खासियत ये है कि ये विमान भारतीय वायु सेना के पुराने हो चुके एवरो एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे. साथ ही ये छोटे रन वे से भी उड़ान भर सकते हैं और साथ ही उन सतहों से भी उड़ान भर सकते हैं जो पूरी तरह से तैयार भी नहीं हो. तय है कि वायु सेना की लॉजिस्टिक क्षमता और मजबूत हो जाएगी. टाटा कंसोर्सियम ने विमान निर्माण में काम आने वाले कल पुर्जों के लिए भारत के ही 7 राज्यों में काम कर रहे 125 से अधिक मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों को चिह्नित किया है. आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते इस कदम से 600 हाई स्कील्ड नौकरियां तो मिलेंगी ही, लेकिन साथ ही 3000 से अधिक रोजगार उससे जुडे उद्योगों से आएगा, 3000 मीडियम स्कील रोजगार और एविएशन सेक्टर में 42.5 लाख मैन आवर रोजगार का सृजन होगा. इस करार की खास बात ये है कि करीब 240 इंजिनियरों को एयरबस की स्पेन की फैक्ट्री में काम ट्रेनिंग का अवसर मिलेगा.
एविएशन में भी आत्मनिर्भर होगा भारत
विमान निर्माण के क्षेत्र में भारत की निजी कंपनियों की भागीदारी आयात पर देश की निर्भरता घटाएगी और निर्यात बढने के भी आसार होंगे. इससे उन्हें विश्वस्तर पर एविएशन कंपनियों के साथ बाजार में कूदने का मौका भी मिलेगा. स्पेन की कंपनी एयरबस हर एयरक्राफ्ट पर जितना श्रम लगाती है उसका 96 फीसदी काम पर भारत में टाटा कंसोर्टियम होने लगेगा. इन एयरक्राप्टों मे लगने वाले पूर्जे, उनकी फिटिंग सब काम भारत में ही होने लगेंगे. सभी 56 एयरक्राफ्टों में भारत के डिफेंस पीएसयू द्वारा देश में ही बनाए गए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण लगाए जाएंगे. खास बात ये है कि इन 56 एयरक्राफ्टों को भारतीय वायु सेना को सौंपे जाने के बाद, भारत सरकार से अनुमति लेकर एयरबस डिफेंस कंपनी इन एयरक्राफ्ट को दूसरे देशों में भी बेच सकेगी.
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Tags: Prime Minister Narendra ModiFIRST PUBLISHED : October 27, 2022, 22:31 IST