चीन को उसी की जबान में जवाब देगा भारत इस तकनीक के सहारे खराब करेगा उसके सिस्टम
चीन को उसी की जबान में जवाब देगा भारत इस तकनीक के सहारे खराब करेगा उसके सिस्टम
Indo-China: अभी तक चीन के पास वह निगरानी तकनीक थी, जिसके जरिये वह डेढ़ किमी के दायरे में भारत के ड्रोन, कैमरा और रडार को बंद कर सकता था. लेकिन, अब उसे उसी की जबान में जवाब देने के लिए भारत ने नई स्वदेशी तकनीक ईजाद कर ली है. अब चीन कोई हरकत करेगा तो भारत उसके दस किमी के दायरे में सारे सर्विलांस सिस्टम बंद कर देगा. जल्द की इस तकनीक को भारत-चीन की सीमा के नजदीक स्थापित किया जाएगा.
हाइलाइट्सचीन की निगरानी तकनीक के जवाब में भारत ने बनाई स्वदेशी तकनीकभारत चीन के दस किमी के इलाके में बंद कर सकेगा उसके सिस्टमलेह, अरुणाचल और नाथुला पास में जल्द स्थापित करने की तैयारी
नई दिल्ली. चीन की निगरानी तकनीक के जवाब में भारत ने भी स्वदेशी हाई पावर माइक्रोवेव वेपन सिस्टम तैयार कर लिया है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन ने अपनी चालबाज तकनीक डायरेक्टेड एनर्जी हाई पावर माइक्रोवेव वेपन स्थापित किया है. इस सिस्टम से 1.5 किलोमीटर के दायरे में भारत के ड्रोन, कैमरा और रडार को बंद करने की कोशिश की जाती है. इसी सिस्टम को असफल करने के लिए भारत ने अपनी तकनीक तैयार की.
अगर चीन भारत के संसाधनों को नुकसान पहुंचाने की हिमाकत करेगा तो भारत भी चीन के इलाके में 10 किलोमीटर तक कैमरा, ड्रोन और रडार को बंद कर सकेगा. इस सिस्टम को भारत चीन सीमा लेह, अरुणाचल और नाथुला पास में स्थापित करने की तैयारी की जा रही है. भारत चीन सीमा पर अक्सर चीन की चोरी छुपे खुराफात की खबरें सामने आती रहती हैं. इनमें से एक है भारतीय रडार सिस्टम, ड्रोन सिस्टम और कैमरा सिस्टम को समय-समय पर बंद करने की कोशिश करना.
चीन को उसी की जबान में जवाब
सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों सूत्रों के मुताबिक चीन डायरेक्टेड एनर्जी हाई पावर माइक्रोवेव वेपन तकनीक के जरिए ऐसा करता है. इसके निशाने पर भारत चीन सीमा के पास डेढ़ किलोमीटर दायरे में आए सर्विलांस सिस्टम रहते हैं. लेकिन, अब भारतीय तकनीक ने ऐसी प्रणाली विकसित की है जो चीन को उसी के अंदाज में करारा जवाब देगी.
कहीं भी फिट हो सकता है उपकरण
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में चीन की नापाक कोशिश को देखते हु़ए इस तकनीक को विकसित किया गया है. इस तकनीक की सबसे खास बात उपकरण का 3 फीट लंबा और 3 फीट चौड़ा होना है. ये उपकरण जरूरत के हिसाब से कहीं भी फिट किया जा सकता है. यही नहीं इसे रेगिस्तान, पहाड़ और समुद्र तीनों जगह एक साथ या जरूरत के हिसाब से तैनात किया जा सकता है. अगर चीन की ओर से जरा भी भारत के सुरक्षा उपकरणों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो ये तकनीक चीन के उसी सर्विलांस सिस्टम को मौके पर ही नाकाम कर देगी.
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Tags: China news, International newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 15:38 IST