भारत- रूस ऑल वेदर फ्रैंड… PM मोदी के रूस दौरे से दोस्ती को मिलेंगे नए आयाम

PM Modi Russia Visit: भारत और रूस के बीच दोस्ती सात दशकों से भी ज्यादा पुरानी है. रूस के साथ राजनयिक, सामरिक और व्यापरिक संबंध इतने मजबूत हैं कि कैसी भी मुश्किल की घड़ी हो, रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है और भारत ने रूस का.

भारत- रूस ऑल वेदर फ्रैंड… PM मोदी के रूस दौरे से दोस्ती को मिलेंगे नए आयाम
नई दिल्ली. भारत और रूस के बीच दोस्ती सात दशकों से भी ज्यादा पुरानी है. रूस के साथ राजनयिक, सामरिक और व्यापरिक संबंध इतने मजबूत हैं कि कैसी भी मुश्किल की घड़ी हो, रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है और भारत ने रूस का. रूस और यूक्रेन की जंग के दौरान अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों ने जब रूस के साथ सारे व्यापारिक रिश्ते खत्म करने का दबाव बनाया तो कई देश उस दबाव में आए लेकिन भारत कभी उस दबाव में नहीं आया. भारत ने दिखा दिया कि रूस के साथ उसके रिश्ते आज के नहीं है और दूसरे देशों के दबाव के बावजूद हम अपने हितों का नुकसान नहीं होने देंगे. पीएम नरेंद्र मोदी का तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद रूस का ये पहला दौरा है. वहीं व्लादिमीर पुतिन पांचवी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. इससे पहले पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच 16 बार मुलाकात हुई थी. पिछली वन टू वन मुलाकात साल 2022 में उज़्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित SCO सम्मेलन में हुई थी. वहीं साल 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन दिल्लीआए थे. उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में कहा था जिस प्रकार से भारत के प्रति आपका लगाव है, आपकी जो निजी प्रतिबद्धता है उसका यह एक प्रकार से प्रतीक है. भारत- रूस संबंधों का कितना महत्व है, वो इससे साफ होता है. सामरिक रिश्तों का तानाबाना… खास बात तो ये थी कि साल 2021 में ही विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 डायलोग की पहली बैठक हुई थी. जिससे व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने का एक नया मैकेनिज्म शुरू हुआ. इससे पहले साल 2019 में राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से नवाजा था. अगर प्रतिशत के हिसाब से देखें तो थलसेना में तकरीबन 70 फीसदी , 80 फीसदी एयरफोर्स और 85 फीसदी नेवी हथियार और उपकरण रूसी ही थे. आंकड़ों के मुताबिक साल 2000 से 2020 तक भारत ने जितने हथियार आयात किए उसमें 66 फीसदी से ज्यादा रूस से लिए गए हैं. अमेरिकी दबाव को किया दरकिनार अमेरिका पहले ही भारत पर से दबाव बना रहा था कि भारत रूस से एस-400 एयर डिफ़ेंस सिस्टम न लेकर अमेरिकी थियेटर हाई ऑलटेट्यूड एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे. लेकिन दबाव के बावजूद भारत ने रूस से डील को जारी रखा. ऐसे में ये माना जा रहा है कि एक बार फिर से अमेरिका भारत पर दबाव बना सकता है. दुनिया में शायद रूस ही ऐसा देश होगा, जो कि भारत को उच्च तकनीक ट्रांसफर करने में कभी आनाकानी नहीं करता. इसके अलावा दोनों देश एक साथ कई साझा और मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यास आयोजित करते हैं. उम्र 81, फिर भी बाइडन दिखा रहे दम, डंके की चोट पर किया ऐसा ऐलान, ट्रंप हो जाएंगे परेशान आर्थिक रिश्तो की मजबूती भारत और रूस के बीच व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में संबंधों को और मजूबत बनाने के लिए दोनों देश लॉन्ग टर्म विजन अपना रहे हैं. 2025 तक 30 अरब डॉलर के ट्रेड और 50 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा गया है. इसी पर फोकस रखते हुए लगातार आगे बढ़ा जा रहा है. वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए कुछ आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार अब तक के सबसे ज़्यादा 67.70 अरब डॉलर तक पहुंचा. जिसमें भारत ने 61.44 अरब डॉलर का आयात और 4.26 अरब डॉलर का निर्यात किया. Tags: India russia, Pm narendra modi, PM Narendra Modi NewsFIRST PUBLISHED : July 6, 2024, 13:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed