दोस्‍त भी चलाएंगे मेड इन इंडिया गन… विदेशों से आ रही इस राइफल की बड़ी डिमांड

डिफेंस सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार है जब भारत ने किसी देश को स्नाइपर राइफालें एक्‍सपोर्ट की हैं. स्नाइपर राइफल पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित की गई है, जिसमें इसकी बैरल भी शामिल है. बेंगलुरु की फर्म को यह बड़ा ऑर्डर मिला था.

दोस्‍त भी चलाएंगे मेड इन इंडिया गन… विदेशों से आ रही इस राइफल की बड़ी डिमांड
हाइलाइट्स बेंगलुरु की फर्म ने भारत के मित्र देश को राइफल बेची हैं. यह पहला मौका है जब भारत ने किसी देश को राइफल बेची हों. अब तक भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए अन्‍य देशों पर निर्भर था. नई दिल्‍ली. एक वक्‍त था जब भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर रहता था लेकिन अब वक्‍त बदलने लगा है. भारत ना सिर्फ खुद हथियार बना रहा है बल्कि वो दूसरे देशों को एक्‍सपोर्ट भी कर रहा है. इस क्षेत्र में भारतीय कंपनी एसएसएस डिफेंस ने एक बड़ी डील अपने नाम की है. द प्रिंट वेबसाइट की खबर के मुताबिक बेंगलुरु की इस कंपनी ने 0.338 लापुआ मैग्नम कैलिबर स्‍नाइपर राइफल की आपूर्ति के लिए एक मित्र देश से एक मेगा एक्‍सपोर्ट कांट्रैक्‍ट हासिल किया है. डिफेंस सूत्रों का हवाला देते हुए मीडिया हाउस ने बताया कि यह पहली बार है जब भारत ने किसी देश को स्नाइपर राइफालें निर्यात की हैं. स्नाइपर राइफल पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित की गई है, जिसमें इसकी बैरल भी शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि न केवल स्नाइपर राइफलें, बल्कि निजी फर्म ने कई मित्र देशों से लगभग 50 मिलियन यूएस डालर के गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए कांट्रैक्‍ट भी हासिल किया हैं. रक्षा सूत्रों का कहना है कि जहां निजी कंपनियां अपने दम पर भी ग्राहक देशों की तलाश कर रही हैं, वहीं भारत सरकार तेजी से मंजूरी देकर उनका हाथ थाम रही है. यह  भी पढ़ें:- बंद कर दो मुसलमानों की दुकान… VHP की राज्‍य सरकारों से डिमांड, क्‍यों इस काम को बता रहे धर्मद्रोह? 1.27 लाख करोड़ का डिफेंस प्रोडक्‍शन… मेक इन इंडिया कार्यक्रम की कामयाबी के चलते भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 2023-24 में लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्‍तर पर पहुंच गया है. दावा किया गया कि भारत अब तोपों से लेकर मिसाइल सिस्‍टम और छोटे हथियारों तक बड़ी संख्या में उपकरणों का ना सिर्फ निर्माण कर रहा है बल्कि उसे निर्यात भी कर रहा है. भारत अब तक इन सिस्‍टम का आयातक था, लेकिन अब इनका निर्यात करना भी हमनें शुरू कर दिया है. 1,500 मीटर दूर लगा सकती है निशाना… सूत्रों  से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार एसएसएस डिफेंस ने स्नाइपर राइफलों का निर्यात पहले ही पूरा कर लिया है, जो 1,500 मीटर और उससे अधिक दूरी तक के लक्ष्यों के लिए हैं. कुछ अन्य देशों के साथ भी इसे लेकर बातचीत चल रही रही है. रिकॉर्ड्स से पता चला कि बेंगलुरु स्थित छोटे हथियार निर्माता एसएसएसए डिफेंस ने .338 लापुआ मैग्नम कैलिबर स्नाइपर राइफल की आपूर्ति के लिए एक मित्र देश से एक मेगा निर्यात अनुबंध हासिल किया है और उसे पूरा किया है. यह पहली बार है जब भारत ने किसी विदेशी देश को स्नेपर फाइल्स निर्यात की हैं. स्नाइपर राइफल पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित की गई है.  दिलचस्प बात यह है कि न केवल स्नाइपर राइफलें, बल्कि निजी फर्म ने कई मित्र देशों से लगभग 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए अनुबंध हासिल किया है. Tags: Hindi news, Latest hindi news, Ministry of DefenseFIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 17:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed