UNSC में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने चीन को लताड़ा कहा- बलपूर्वक यथास्थिति को बदलना आम सुरक्षा का अपमान

India In UNSC: भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बातचीत और सहयोग के माध्यम से आम सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा के दौरान चीन पर निशाना साधते हुए कटाक्ष किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि कोई भी बलपूर्वक या एकतरफा कार्रवाई जो ताकत का उपयोग कर यथास्थिति को बदलने का प्रयास करती है, आम सुरक्षा का अपमान है.

UNSC में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने चीन को लताड़ा कहा- बलपूर्वक यथास्थिति को बदलना आम सुरक्षा का अपमान
हाइलाइट्सUNSC में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने चीन पर निशाना साधा है. भारत ने कहा यथास्थिति को बदलने के लिए की गई बलपूर्वक कार्रवाई आम सुरक्षा का अपमान. इस बैठक का आयोजन चीन की अध्यक्षता में किया गया था. नई दिल्ली. भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बातचीत और सहयोग के माध्यम से आम सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा के दौरान चीन पर निशाना साधते हुए कटाक्ष किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि कोई भी बलपूर्वक या एकतरफा कार्रवाई जो ताकत का उपयोग कर यथास्थिति को बदलने का प्रयास करती है, आम सुरक्षा का अपमान है. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए सीमा समझौतों के उल्लंघनों के कारण गतिरोध जारी है. 15 जून, 2020 को गालवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद स्थिति और खराब हो गई. इस बीच भारतीय राजदूत का आया यह बयान काफी महत्वपूर्ण है. मालूम हो कि इस बैठक का आयोजन चीन की अध्यक्षता में किया गया था. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार कंबोज ने सामान्य सुरक्षा को रेखांकित करते हुए कहा कि सामान्य सुरक्षा तभी संभव हो सकता है जब सभी देश आतंकवाद जैसे सामान्य खतरों के खिलाफ एक साथ खड़े हों और अन्यथा उपदेश देते समय डबल स्टैंडर्ड्स में शामिल न हों. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में चीन पर सीमा समझौतों की अवहेलना करने का आरोप लगाया था. गलवान घाटी गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच संबंध बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है. विदेश मंत्री ने कहा था कि हमारे पास 1990 के दशक में चीन के साथ समझौते हैं जो सीमा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैनिकों को लाने पर रोक लगाते हैं, उन्होंने इसकी अवहेलना की है. आप जानते हैं कि गालवान घाटी में क्या हुआ था. उस समस्या का समाधान नहीं किया गया है और यह स्पष्ट रूप से दोनों देशों के बीच के संबंध पर असर डाल रहा है. मालूम हो कि भारत और चीन गतिरोध को सुलझाने के लिए अब तक कोर कमांडर स्तर की सोलह दौर की वार्ता कर चुके हैं. भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 1945 में आने वाली पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने के महान उद्देश्य के साथ की गई थी. आज की बैठक भारत के सुधारित बहुपक्षवाद के आह्वान के बारे में गंभीर चर्चा में शामिल होने का एक उपयुक्त क्षण है, जिसके मूल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सुधार है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: India china border dispute, UNSCFIRST PUBLISHED : August 23, 2022, 07:49 IST