चीन के साथ तनाव को बीच सेना को मिला महत्वपूर्ण अधिकार फास्ट ट्रैक आधार पर खरीद सकेंगे स्वदेशी हथियार
चीन के साथ तनाव को बीच सेना को मिला महत्वपूर्ण अधिकार फास्ट ट्रैक आधार पर खरीद सकेंगे स्वदेशी हथियार
Indian Army Financial power: रक्षा मंत्रालय ने सेना को वह वित्तीय अधिकार दे दिया है जिसके तहत सेना इमरजेंसी में फास्ट ट्रैक आधार पर स्वदेशी हथियार और गोला बारूद खरीद सकता है. सोमवार को इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने आवश्यक मंजूरी दे दी.
हाइलाइट्सआपात स्थिति में फास्ट ट्रैक आधार पर हथियार और गोला बारूद खरीदेगी सेनारक्षा अघिग्रहण परिषद ने दी सेना को वित्तीय अधिकारी की मंजूरी चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण
नई दिल्ली. किसी भी देश के साथ टकराव या आपात स्थिति में सेना अब खुद ही अपनी वित्तीय शक्ति का इस्तेमाल करते हुए आवश्यक स्वदेशी हथियार और गोला बारूद खरीद सकेगी. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इसकी आवश्यक मंजूरी दे दी है. सेना अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल कर स्वदेशी हथियार प्रणाली और गोला-बारूद को इमरजेंसी अधिग्रहण के तहत फास्ट ट्रैक आधार पर खरीद सकेगी. पिछले दो साल से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच सरकार का यह महत्वपूर्ण फैसला है.
टीओआई की खबर के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने इस नई प्रक्रिया को स्वीकृति दी है. इसके तहत घरेलू स्रोतो से फास्ट ट्रैक आधार पर पूंजी अधिग्रहण कर स्वदेशी हथियार खरीदने की शक्ति सेना को होगी. रक्षा अधिग्रहण परिषद की इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा सचिव ने भाग लिया था.
नई प्रक्रिया के तहत पूरी खरीद प्रक्रिया को 6 महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. इसके तहत 300 करोड़ रुपये की खरीद उच्चतम सीमा होगी. नई प्रक्रिया में देरी की गुंजाइंश नहीं रहेगी और सशस्त्र बलों को परिचालन संबंधी कमियों को तेजी से दूर करने में मदद मिलेगी. हालांकि रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक के परिणामों के बारे में रक्षा मंत्रालय ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. सरकार ने सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद पहली बार सेना के तीनों अंगों को ये शक्तियां दी थी. इसके तहत सेना को गोला-बारूद के स्टॉक और कल-पुर्जों के निर्माण के लिए “आपातकालीन और महत्वपूर्ण अनुबंधों” करने हेतु निर्दिष्ट समय के अंदर पूंजी और राजस्व संबंधी वित्तीय शक्तियां सौंपी थीं.
गौरतलब है कि 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ संबंधों में जबर्दस्त तनाव आ गया था. इन वित्तीय शक्तियों के कुछ विस्तारित स्वरूप के तहत, सशस्त्र बलों ने रूस, इज़राइल और फ्रांस जैसे देशों से और कुछ घरेलू स्रोतों से हथियारों, आपूर्ति और पुर्जों की बड़ी संख्या में आपातकालीन खरीद की थी. सैन्यबलों को दी गई ये शक्तियां मई 2020 से चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध से निपटने में मददगार साबित हुई है. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के मद्देनजर सरकार ने एक बार फिर रक्षा बलों को ऐसी कई शक्तियां दी है.
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Tags: Defence ministry, Indian army, Rajnath SinghFIRST PUBLISHED : August 23, 2022, 07:43 IST