चार साल से गलवान में डटा था ड्रैगन फिर कैसे पीछे हटने को हुआ मजबूर
चार साल से गलवान में डटा था ड्रैगन फिर कैसे पीछे हटने को हुआ मजबूर
India China Relations: भारत-चीन विवाद 75 फीसदी सुलझा लिया गया है. ऐसा दावा पहले भारत की ओर से किया गया. इसके बाद चीन ने भी इस दावे पर मुहर लगाई और भारत की हां में हां मिलाया. इसके साछ ही चीन ने अपने सैनिकों की भारत सीमा से 4 जगहों से वापसी करवाई है. लेकिन सवाल है कि ऐसा कैसे और क्यों हुआ. तो आइए इस खबर में जानते हैं इसके बारे में.
नई दिल्ली: भारत-चीन के रिश्ते गलवान घटना के बाद और तल्ख हो गए थे. चीन लगातार गलवान घाटी में डटा हुआ था. लेकिन अब यह तल्खी धीरे-धीरे दूर होती जा रही है. दरअसल 4 साल गलवान घाटी में डटे रहने के बाद चीन ने वहां से अपने सैनिकों को पीछे हटने को कहा है. लेकिन सवाल है कि 4 साल बाद आखिर ऐसा हुआ क्या है जिससे चीन ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. बता दें कि चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार 13 सितंबर को कहा है कि पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी समेत चार स्थानों पर सैनिकों की वापसी हुई है. दरअसल इस गतिरोध के हल के पीछे भी अजीत डोभाल ही नजर आ रहे हैं.
अजीत डोभाल 12 सितंबर को निदेशक वांग यी ने सेंट पीटर्सबर्ग में एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की. इसकी पुष्टि चीन विदश मंत्रालय ने खुद की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि “12 सितंबर को निदेशक वांग यी ने सेंट पीटर्सबर्ग में एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दों पर हाल के परामर्श में हुई प्रगति पर चर्चा की और दोनों देशों के नेताओं द्वारा पहुंची गई आम सहमति को पूरा करने, आपसी समझ और विश्वास को बढ़ाने, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए स्थितियां बनाने और इस दिशा में संचार बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस टिप्पणी के बाद कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में अपनी “विघटन समस्याओं” का 75% समाधान कर लिया है, चीन ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में चार क्षेत्रों में विघटन को महसूस किया है, जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है.
क्यों चीन हटा पीछे
सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य वांग ने इस बात पर जोर दिया कि अशांत विश्व का सामना करते हुए, दो प्राचीन पूर्वी सभ्यताओं और उभरते विकासशील देशों के रूप में चीन और भारत को स्वतंत्रता पर दृढ़ रहना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि एकता और सहयोग का चयन करना चाहिए तथा एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए. वांग ने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष व्यावहारिक दृष्टिकोण के जरिए अपने मतभेदों को उचित ढंग से हल करेंगे और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का उचित तरीका ढूंढेंगे तथा चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ, स्थिर और सतत विकास के रास्ते पर वापस लाएंगे.
क्या हुआ था गलवान में
यह साल 2020 के 15-16 जून की रात थी. रात में भारतीय और चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में LAC पर हिंसक झड़प हुई थी. भारत की तरफ से इस झड़प में एक कमांडर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. हालांकि, चीन के कितने सैनिक मारे गए, इसे लेकर चीन ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी भारत की तरफ से दावा किया गया कि इस झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं. बाद में चीन ने कहा कि उसके 4 सैनिक गलवान में मारे गए थे.
Tags: Galwan Valley, India chinaFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 06:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed