सितंबर में भी होगी जमकर बरसात इन राज्यों में बारिश के साथ आएगी मुसीबत
सितंबर में भी होगी जमकर बरसात इन राज्यों में बारिश के साथ आएगी मुसीबत
भारत में अगस्त में औसत से 16% अधिक वर्षा दर्ज की गई. वहीं, मौसम विभाग ने सितंबर महीने की बारिश की रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर महीने में उत्तर भारत में जमकर बारिश की संभावना है. अगस्त में अच्छी बारिश से खरीफ (गर्मी में बोई जाने वाली) फसल की पैदावार अच्छी रहने की संभावना है. वहीं, इसका रबी (ठंड की फसल) पर सकरात्मक प्रभाव रहने की संभावना है.
IMD September Rain Update: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सितंबर महीने के लिए बारिश की नई रिपोर्ट जारी की है. IMD के नए रिपोर्ट के अनुसार इस महीने भी लगातार भारी बारिश दर्ज किया जा सकता है. जहां अगस्त में सामान्य से 16% अधिक बारिश दर्ज की गई थी, वहीं, इस महीने भी यह ट्रेंड जारी रहने की संभावना है. सितंबर में उत्तर भारत के कई इलाकों में जमकर बारिश हो सकती है. वहीं, कई इलाकों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है. IMD ने बताया कि सितंबर में बारिश ज्या होने की संभावना इसलिए बढ़ी है क्योंकि अभी ला-नीना अभी तक नहीं बनी है, जिसका मानसून पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर महीने में सबसे ज्यादा बारिश उत्तराखंड, राजस्थान हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हिस्सों में होगी. इसके वजह से कुछ इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की समस्या देखी जा सकती है. वहीं, मौसम विभाग ने सितंबर महीने की बारिश की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तरी बिहार, उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्से और नॉर्थ इंडिया के दूर दराज इलाकों और प्रायद्वीपीय भारत में सितंबर महीने में औसत से कम बारिश होने का अनुमान है.
IMD ने बताया कि भारत में अगस्त में औसत से 16% अधिक वर्षा दर्ज की गई. यह 2001 के बाद से इस महीने में 5वीं सबसे अधिक और 1901 के बाद से 29वीं सबसे अधिक बार है. पूरे देश में अगस्त में 287 मिलीमीटर बर्षा दर्ज की गई. हालांकि, इस महीने का अधिकतम तापमान ने भी रिकॉर्ड बनाया. मौसम विभाग की मानें तो औसत उच्चतम-न्यूनतम तापमान 1901 के बाद से चौथा सबसे अधिक दर्ज किया गया.
अगस्त की बारिश खरीफ की फसलों के लिए काफी शानदार रहा. अच्छी बारिश से ‘मानसून कोर’ क्षेत्र (बारिश वाले क्षेत्रों) में खरीफ की बुवाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इस सीजन में फसलों की औसत बुआई ने पिछले पांच सालों के रिकॉर्ड को तोड़ने के कागार पर है. इस साल फसल अच्छी रहने की संभावना है, जिससे अधिक खाद्यान्न के उत्पादन की संभावना भी बढ़ जाती है. मानसून के मौसम में अच्छी बारिश का असर रबी फसलों पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है. इससे रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) फसलों के लिए पर्याप्त मिट्टी में नमी मिलती है और जलाशयों में भी पर्याप्त पानी स्टोर हो जाता है.
Tags: IMD forecast, Rain alert, Weather forecastFIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 11:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed