फोन की बजी घंटी हैल्लो बोलते ही मां-बेटी कैद खाते से गायब हुए 55 करोड़

साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. हैदराबाद में एक ऐसी ही तरह की घटना देखी गई. साइबर ठगों ने हैदराबाद में एक फैमली की महिला और बेटी के डिजिटली अरेस्ट कर उनसे 5.50 करोड़ की ठगी कर ली. घटना के बाद तेलंगाना साइबर विभाग ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

फोन की बजी घंटी हैल्लो बोलते ही मां-बेटी कैद खाते से गायब हुए 55 करोड़
हैदराबाद: देशभर में सरकार-प्रशासन लगातार साइबर क्राइम को लेकर जागरुकता फैला रही है, फिर भी ये घटनाएं घटने के बजाए बढ़ती जा रही हैं. साइबर ठग भी साइबर सुरक्षा को धत्ता बताते हुए, क्राइम के लिए तरह-तरह के नए जुगाड़ लगा रहे हैं. हाल ही में बेंगलुरु में एक डिजीटल अरेस्ट की घटना सामने आई है. इसमें एक परिवार के महिला और उसकी बेटियों को साइबर ठगों ने 17 दिन तक डिजिटली अरेस्ट रखा. उनके अकाउंट से 5.50 करोड़ रुपये भी उड़ा लिए. घटना के बाद तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) जांच शुरू कर दी है. तेलंगाना के भारती बाई नाम की 67 साल की महिला और उसकी दो बेटियों को जालसाजों 17 दिनों तक 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट किए रखा. जालसाजों ने बेटियों को घर से बाहर केवल परीक्षा देने के लिए जाने की अनुमति दी थी. सीबीआई एजेंट बनकर जालसाजों ने उनको निगरानी में रखा था. पीड़ितों को जब तक क्राइम का एहसास होता तब तक अपराधियों ने उनसे अपने अकाउंट पर 5.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) ने एक प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू दी है. 17 दिन अरेस्ट घटना हैदराबाद के बशीरबाग की बताई जा रही है. भारती बाई अग्रवाल को 13 नवंबर क कॉल आया था. फोन करने वाले ने बताया कि उनका आधार-लिंक्ड फोन नंबर मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग मामलों में प्रयोग हो रहा है आपके ऊपर हमे शक है. फिर, उसने उनके कॉल को सीबीआई अधिकारी सौरव शर्मा और अजय गुप्ता (अपराधी, जो पोज कर रहे थे) नाम के दो शख्स को ट्रांसफर किया. दोनों अपराधियों ने उन्हें स्काइप पर कनेक्ट होने का निर्देश दिया. ठग लिए 5.5 कोरड़ स्काइप पर भारती और उनकी बेटियों को बताया गया कि उन्हें “डिजिटल रूप से अरेस्ट” किया गया है. उन्हें वीडियो और ऑडियो निगरानी में रखा गया है. केवल बेटियों को ही अपनी परीक्षाओं के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी. बाहर से आने के उसके तुरंत बाद उन्हें स्काइप पर फिर से कनेक्ट होना पड़ता था. घोटालेबाजों ने इस दौरान उनसे बैंक डिटेल निकाल ली. फिर परिवार को इस केस बचने के लिए पेसै देने का दबाव देने लगे. उनका कहना था हम आपका बैंक अकाउंट चेक करना चाहते हैं कि कहीं आपका खाता भी मनी लॉन्ड्रिंग में प्रयोग नहीं हो रहा है? इसी बहाने उन्होंने पैसे उगाह लिए. Tags: Crime News, Cyber Crime, Digital worldFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 09:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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