क्या है ह्यूमन मिल्क बैंक कैसे करते हैं काम और क्या है डोनेशन का प्रोसेस
क्या है ह्यूमन मिल्क बैंक कैसे करते हैं काम और क्या है डोनेशन का प्रोसेस
Human milk banks in India: कई देशों में यह ह्यूमन मिल्क बैंक खोले गए हैं. इनमें ब्राजील, यूरोप, लेटिन अमेरिका स्पेन, पुर्तगाल, नार्थ अमेरिका, भारत और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख हैं. आइए जानते हैं क्या है ह्यूमन मिल्क बैंक? ये कैसे काम करते हैं? मिल्क डोनेशन का क्या प्रोसेस है....
Human milk banks in India: जन्म के आधे घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए पीना ज़रूरी है, लेकिन किसी कारणवश भारत में 95 प्रतिशत बच्चों को यह दूध नहीं मिल पाता. शायद यही वजह है कि भारत में हर दूसरा बच्चा कुपोषित है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए ऐसे बच्चों के लिए खास तौर पर कई शहरों में ह्यूमन मिल्क बैंक खोले जा रहे हैं. इन बैंकों में मां का दूध ठीक उसी तरह मिलता है, जिस तरह हम ब्लड बैंक में जाकर खून लेते हैं. ऐसे बैंक बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार भी फंडिंग करती है.
कई देशों में यह ह्यूमन मिल्क बैंक खोले गए हैं. इनमें ब्राजील, यूरोप, लेटिन अमेरिका स्पेन, पुर्तगाल, नार्थ अमेरिका, भारत और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख हैं. आइए जानते हैं क्या है ह्यूमन मिल्क बैंक? ये कैसे काम करते हैं? मिल्क डोनेशन का क्या प्रोसेस है….
ह्यूमन मिल्क बैंक क्या होता है?
ह्यूमन मिल्क बैंक एक गैर लाभकारी संस्था है, जो नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध मुहैया कराती है. पाश्चराइजेशन यूनिट, रेफ्रिजरेटर, डीप फ्रीज और आरो प्लांट जैसी तकनीक का उपयोग करके दूध को स्टोर करके 6 महीने तक स्टोर करके रखा जाता है. हालांकि, अधिक मांग के कारण इन बैंकों में मां का दूध 10 से 15 दिन तक ही रह पाता है.
ह्यूमन मिल्क बैंक का उद्देश्य क्या है?
(1) शिशु मृत्यु दर की संख्या में कमी लाना. (2) मातृ मृत्यु दर में भी कमी लाना. इस केंद्र में दो तरह की महिलाएं दूध दान करती हैं. पहली स्वेच्छा से और दूसरी वे माताएं जो अपने बच्चों को दूध नहीं पिला सकतीं. जिनके बच्चे दूध नहीं पीते अगर उनका दूध नहीं निकाला जाए तो मां के रोगी होने की आशंका बढ़ जाती है. उनके लिए दूध दान का करना अच्छा विकल्प है.
ह्यूमन मिल्क में कौन-कौन सा पोषक तत्व पाया जाता है?
ह्यूमन मिल्क में प्रोटीन (व्हे प्रोटीन और केसीन प्रोटीन), फैट, विटामिन (विटामिन A, C, D, E, K और राइबोफ्लेविन, पैन्थोनीक), कार्बोहाइड्रेट, हार्मोन (प्रोलैक्टिन, रिलैक्सिन, एंडोर्फिन,कार्टिसोल, लेप्टिन, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन), मिनरल्स (आयरन, जिंक, कैल्शियम, सोडियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, क्लोराइड) और एंजाइम पाया जाता है.
मिल्क डोनेशन का प्रोसेस क्या है?
मदर मिल्क बैंक में दूध दान करने के लिए इन तकनीक को अपनाया जाता है. 1-दूध दान करने आई मां की पहले एचआईवी/एचबीएसएजी/डब्लूबीआरएल जांच की जाती है. जांच रिपोर्ट सटीक आने के बाद महिला से लिखित अनुमति ली जाती है.
कैसे रखा जाता है ये दूध?
दूध निकालने के बाद उसे -20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है. माने एकदम ठंडा. इसके बाद इस दूध का सैंपल लैब में भेजा जाता है. जहां एचआईवी/एचबीएसएजी/डब्लूबीआरएल जांच की जाती है. सभी रिर्पोट्स सही आने के बाद ही इस रॉ-दूध को बच्चों को पिलाने लायक माना जाता है और अस्पतालों में भेजा जाता है. ये दूध छह महीने तक खराब नहीं होता है.
भारत में कौन-कौन से मिल्क बैंक में मां का दूध उपलब्ध है?
(1) भारत का सबसे पहला ह्यूमन मिल्क बैंक अमारा मिल्क बैंक है, जो ब्रेस्ट मिल्क फाउंडेशन के साथ 2016 से दिल्ली एनसीआर में दूध की आपूर्ति कर रहा है. ध्यान देने योग्य बात यह है कि अमारा मिल्क बैंक की जब से स्थापना हुई है तब से इसने 5000 से 6000 बच्चों की जान बचाई है.
(2) उसके बाद सन् 2017 में लेडी हार्डिंग कॉलेज में वात्सल्य मातृ अमृत कोष नामक ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना की गई. यह वात्सल्य मातृ अमृत कोष भारत और नार्वे की साझेदारी का परिणाम हैं.
(3) उसके बाद यशोदा ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना की गई. यह भारत का इकलौता ह्यूमन मिल्क बैंक है जो निजी हॉस्पिटल में स्थापित किया गया है. यह व्यापक स्तनपान प्रबंधन और साथ ही साथ प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र भी है.
(4) उसके बाद मध्य भारत का पहला ह्यूमन मिल्क बैंक अमरावती के पंजाब राव देशमुख मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया गया. हालांकि, इसकी क्षमता अभी तीन यूनिट तक है.
(5) केरल में भी ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना की गई.
(6) यूपी के लखनऊ में भी एक ह्यूमन मिल्क बैंक स्थापित किया गया है.
(इस खबर में दी गई जानकारियां https://www.indianpediatrics.net/june2014/469.pdf से ली गई हैं.)
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FIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 11:47 IST