जो चुनाव में जीतने लायक नहीं थे उन्हें टिकट दिया : शिवसेना के बागी विधायकों पर बरसे उद्धव ठाकरे
जो चुनाव में जीतने लायक नहीं थे उन्हें टिकट दिया : शिवसेना के बागी विधायकों पर बरसे उद्धव ठाकरे
Maharashtra Political Crisis: उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों पर जबरदस्त पलटवार करते हुए उन्हें शिवसेना या ठाकरे के नाम का इस्तेमाल किए बिना चुनाव जीतने की चुनौती दी.
मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को शिवसेना के बागी विधायकों पर निशाना साधा और कहा कि विधानसभा चुनावों में उन्हें हमने जीत दिलाई, लेकिन बदले में उन्होंने हमारे साथ धोखा किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस और एनसीपी आज हमारा समर्थन कर रहे हैं. शरद पवार और सोनिया गांधी ने हमारा समर्थन किया है. लेकिन हमारे ही लोगों ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है. हमने ऐसे लोगों को टिकट दिया जो जीत नहीं सकते थे और हमने उन्हें विजयी बनाया. उन लोगों ने आज हमारी पीठ में छुरा घोंपा है.”
महाराष्ट्र के सभी नगरसेवकों को ज़ूम से संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “मेरा अपमान कीजिये, लेकिन परिवार का नहीं. मैं सत्ता का लालची नहीं हूं.” उन्होंने आगे कहा, “जो हमारे साथ खड़े हैं, वे तारीफ के हकदार. शिवसेना के कार्यकर्ता हमारे साथ हैं. हमें भाजपा ने धोखा दिया. मैं शिवसैनिक हूं. मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं. बगावत के पीछे मेरा हाथ नहीं, मेरे खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही है.”
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर बोला हमला
इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार पर मंडराते राजनीतिक संकट से लड़ने के प्रति दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि विद्रोही नेता का बेटा लोकसभा सांसद है, तो क्या उनके बेटे आदित्य ठाकरे को राजनीतिक रूप से आगे नहीं बढ़ना चाहिए. ठाकरे ने कहा कि शिंदे को शहरी विकास का प्रमुख विभाग दिया गया था, जो आमतौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास रहता है. उन्होंने शिवसेना में विद्रोह के लिए सार्वजनिक रूप से विपक्षी दल भाजपा को दोषी ठहराया, “जिसने उनकी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार की स्थिरता को खतरा पैदा कर दिया है”. इस गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस भी शामिल हैं.
विधायकों द्वारा दलबदल से चिंतित नहीं हैं उद्धव ठाकरे
पार्टी पदाधिकारियों को आभासी रूप से संबोधित करते हुए शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि वह विधायकों द्वारा दलबदल से चिंतित नहीं, क्योंकि वह उन्हें एक पेड़ के रोग पीड़ित फल-फूल मानते हैं. उद्धव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “आप पेड़ के फल-फूल लेते हैं, लेकिन जब तक जड़ें (पदाधिकारी और कार्यकर्ता) मजबूत हैं, तब तक मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है. जड़ें कभी नहीं उखड़ सकतीं. हर मौसम में नए पत्ते आते और फूल खिलते हैं. रोग से पीड़ित पत्तियों की तोड़कर फेंकने की जरूरत है. वर्तमान स्थिति पर इसी संदर्भ में विचार करें.” उन्होंने कहा कि वह भले ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास से बाहर चले गए हों, लेकिन संकट से लड़ने का उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है.
उद्धव ठाकरे ने एकनाश शिंदे को घेरा
ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने उन्हें कुछ समय पहले कहा था कि शिवसेना के विधायकों को लगता है कि पार्टी को पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ वापस जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “आप किस तरह के शिवसैनिक हैं? क्या आप भाजपा की ‘उपयोग करो और फेंक दो’ की नीति और मातोश्री (उपनगरीय बांद्रा में ठाकरे के निजी आवास) के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से आहत महसूस नहीं करते हैं.” उद्धव ने सवालिया लहजे में कहा कि आपका बेटा (श्रीकांत शिंदे) सांसद हो सकता है, लेकिन क्या आदित्य को राजनीतिक रूप से विकसित नहीं होना चाहिए. श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सांसद हैं, जबकि मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं, जिनके पास पर्यावरण और पर्यटन विभाग है.
शिंदे से बोले उद्धव, ठाकरे का नाम अपनी राजनीति से बाहर रखें
असम में बागी विधायकों के साथ डेरा डाले हुए शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे के निधन (2012 में) के बाद उन्हें दो बार मंत्री बनाया गया था. आपको ठाकरे का नाम अपनी राजनीति से बाहर रखना चाहिए. आप को देखना चाहिए कि क्या आप अपना अस्तित्व बचा सकते हैं. कोई भी ठाकरे को शिवसेना से अलग नहीं कर सकता है.” उद्धव ने कहा कि पार्टी को कई बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन जीत या हार किसी की मनःस्थिति पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि मान लें कि हमारे साथ कोई नहीं है, तो उनको एक नई शिवसेना बनानी है.
(इनपुट भाषा से भी)
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Tags: Congress, NCP, Shiv sena, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 22:50 IST