कमलिका सेनगुप्ता, अनन्या भटनागर
नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) के सियासी संकट के बीच ऐसी उम्मीद है कि एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) गुट फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल से संपर्क कर सकता है. दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र के विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की राहत का लाभ मिल सकता है. इन विधायकों ने सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से बगावत की है. शिंदे खेमे के सूत्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि उन्हें 11 जुलाई तक अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है, उन्हें फ्लोर टेस्ट की मांग करने का अधिकार देता है.
शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों के गुट में उत्साह का माहौल है और वे यह जांच कर रहे हैं कि क्या यह संवैधानिक रूप से संभव है? महाराष्ट्र की राजनीति में अगला कदम क्या होगा और इस बीच क्या भारतीय जनता पार्टी, अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. राजनीति के जानकार तमाम परिस्थितियों को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई के मध्य में शुरू होना है.
#MaharashtraPolitics | The floor test seems like a high possibility. The Supreme Court has ensured state protection for the rebels.
What are the key takeaways?
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— up24x7news.com (@CNNnews18) June 27, 2022
up24x7news.com को महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच उठ रहे सवालों के ऐसे जवाब मिले
1 – सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का क्या मतलब है?
बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए डिप्टी स्पीकर द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल कर दी है. इसका मतलब है कि बागी विधायकों को राहत मिली है. इसके साथ ही डिप्टी स्पीकर से बगावत के बाद उनकी भूमिका पर विस्तृत जवाब के साथ आधिकारिक दस्तावेज तलब किए गए हैं. राज्य और केंद्र सरकारों से मामले पर स्पष्टता के लिए हलफनामा देने को कहा गया है.
2 – क्या अब गेंद राज्यपाल के पाले में है?
यदि कोई गुट, फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल के पास जाता है, तो वह अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र है.
3 – क्या सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच राज्यपाल फ्लोर टेस्ट का निर्देश दे सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट के 2016 के नबाम राबिया बनाम अरुणाचल प्रदेश स्पीकर मामले के फैसले के अनुसार, राज्यपाल फ्लोर टेस्ट कर सकते हैं. मामले की स्थिति महाराष्ट्र जैसी ही थी.
4 – जब तक सुप्रीम कोर्ट में मामला सुलझ नहीं जाता, क्या राज्यपाल महाराष्ट्र विधानसभा से संबंधित आगे की कार्रवाई कर सकते हैं?
वह बिल्कुल कर सकते हैं. फ्लोर टेस्ट के अलावा अनुच्छेद 355 के तहत राष्ट्रपति मौजूदा नियम के संबंध में केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज सकते हैं. हालांकि, ऐसा करने के लिए एक वैध कारण होना चाहिए.
5 – क्या राज्यपाल 12 जुलाई से पहले एकनाथ शिंदे गुट के दावे को स्वीकार कर उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं?
यदि कोई राज्यपाल के समक्ष बहुमत का दावा करता है तो वह शक्ति परीक्षण का आदेश दे सकता है. हालांकि, किसी एक पक्ष द्वारा दावा किया जाना जरूरी है.
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Tags: Eknath Shinde, Maharashtra, Shiv sena, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 21:04 IST