ADMK ये चार अक्षर क्यों महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के लिए बने सिरदर्द

Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी इस बार जीत हासिल करने के लिए हर पैंतरा आजमा रही है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव में इसी एडीएमके यानी ADMK वोट बैंक की वजह से एनडीए को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. विदर्भ की 62 विधानसभा सीटें इस बार किस पार्टी के लिए मददगार साबित होगी? पढ़ें यह रिपोर्ट

ADMK ये चार अक्षर क्यों महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी के लिए बने सिरदर्द
Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र की राजनीति में इस बार दोनों बड़े गठबंधन महायुति और महाविकास अघाड़ी की अग्निपरीक्षा होने वाली है. दोनों गठबंधनों ने महाराष्ट्र में स्टार प्रचारकों की पूरी फौज उतार दी है. बात ‘बंटेंगे तो कंटेंगे से लेकर धर्म-युद्ध’ तक पहुंच गई है. दोनों गठबंधनों के स्टार प्रचारकों के बयानों से साफ झलक रहा है कि इस बार लड़ाई आर-पार की होने वाली है. लेकिन, इन सबके बीच महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस ने विदर्भ एरिया में DMK की जगह ADMK का कार्ड खेल दिया है. कांग्रेस के इस कार्ड का जवाब बीजेपी अगर दे देती है तो महाराष्ट्र की गद्दी बीजेपी से ज्यादा दूर नहीं रहेगी. लेकिन, अगर बीजेपी कांग्रेस के इस कार्ड का काउंटर करने में नाकामयाब रहती है तो फिर महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी के हाथ से सत्ता छिटक भी सकती है. एक तरफ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में नेताओं के उल्टे-पुल्टे बयानों से तूफान मचा है. वहीं, दूसरी तरफ पार्टियां नए-नए समीकरण बनाकर चुनाव जीतने की रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने इस बार डीएमके यानी दलित, मुस्लिम और कुनबी की जगह इस बार एडीएमके यानी आदिवासी, दलित, मुस्लिम और कुनबी वोट बैंक को साधने में लग गई है. विदर्भ जीतने वाला बनेगा महाराष्ट्र का सीएम? बीजेपी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और खुद महाराष्ट्र बीजेपी के कद्दावर नेता देवेंद्र फडणवीस की सारी कवायद इन्हीं वोटों को हासिल करने और इनमें बिखराव पर है. क्योंकि, बीजेपी आदिवासी, दलित और कुनबी वोट बैंक को आपने पाले में करना चाह रही है तो वहीं, मुस्लिम वोट बैंक में बिखराव कर महाविकास अघाड़ी गठबंधन का खेल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है. विदर्भ में कांग्रेस का ADMK समीकरण क्या है? कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में विदर्भ में अपना जनाधार मजबूत किया है. वहीं, बीजेपी 2014 और 2019 के मुकाबले कमजोर हुई है. ऐसे में विधानसभा चुनाव बीजेपी का सारा फोकस विदर्भ जीत पर टिकी हुई है. कांग्रेस और बीजेपी अपनी पूरी ताकत इसी क्षेत्र पर लगा रखा है. विदर्भ की तकरीबन 62 सीटों में से 32 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. ये सारी सीटें एडीएमके बहुल सीटें हैं. कांग्रेस का गढ़ कैसे बना? आपको बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और बीजेपी के स्टार प्रचारक और राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस इसी इलाके से आते हैं. नागपुर भी विदर्भ में ही पड़ता है. साल 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विदर्भ के इलाके की कुल 62 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 44 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं, शिवसेना को 4, कांग्रेस को 10, एनसीपी को 1 और अन्य को 4 सीटें मिली थीं. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने विदर्भ इलाके में 29 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 4 सीटें जीती थी. वहीं, कांग्रेस 15 सीटें तो एनसीपी 6 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने इस इलाके में अपना दबदबा कायम रखा था. लोकसभा का असर क्या विधानसभा भी पड़ेगा? लेकिन, बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी पलट दी थी. नाना पटोले के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी ने इस एरिया में जबरदस्त सफलता हासिल की थी. कांग्रेस ने पांच लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, बीजेपी को मात्र दो सीटों पर जीत दर्ज नसीब हुई थी. वहीं, बीजेपी के सहयोगी एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सिर्फ एक सीट मिली थी. वहीं, कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना उद्धव की पार्टी को एक और एनसीपी शरद पवार की पार्टी को एक सीट मिली थी. विदर्भ में आदिवासी, दलित, मुस्लिम और कुनबी वोट बैंक निर्णायक साबित होते हैं. खासकर दलित समुदाय की जीत हार में अहम भूमिका होती है. इस बार भी रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई बीजेपी के साथ है. विदर्भ की कई सीटों पर दलित मतदाता 23 फीसदी से लेकर 38 प्रतिशत तक हैं. वहीं, विदर्भ में ओबीसी के दो समुदाय कुनबी और तेली का वोट कांग्रेस और बीजेपी के बीच बंटे हुए हैं. कुनबी को कांग्रेस का वोटबैंक माना जाता है तो तेली को बीजेपी का कोर वोटबैंक. Tags: BJP, Congress, Maharashtra Elections, Maharashtra PoliticsFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 21:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed