भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस गुरुवार के महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी संभालने जा रहे हैं. वह शाम साढ़े पांच बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिग्गजों पर पीछे छोड़ इस कुर्सी पर पहुंचे हैं. इस वक्त वह 54 साल हैं और निर्विवाद रूप से महाराष्ट्र भाजपा के सबसे बड़े नेता है. वह मात्र 44 साल की उम्र में 2014 में राज्य की कमान पहली बार संभाली थी. उनके पास राज्य में भाजपा के पहले सीएम बनने की भी उपलब्धि है. यह भी तब जब राज्य में नितिन गडकरी जैसे कद्दावर नेता हो.
खैर, हम बात देवेंद्र फडणवीस के शुरुआती दिनों की करते हैं. नागपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस भाजपा के एमएलसी थे. जनसंघ के सक्रिय सदस्य थे. ऐसे में देवेंद्र को राजनीति की शुरुआती ट्रेनिंग घर में ही मिली. पिता संघ और भाजपा के सक्रिय सदस्य थे. ऐसे में देवेंद्र फडणवीस भी संघ से जुड़ गए. वह बचपन से ही शाखा में जाने लगे. 1975 में देश में इमजेंसी लगाई गई. उस वक्त देवेंद्र करीब पांच साल थे. उस वक्त उनके पिता को जेल में डाल दिया गया. इमरजेंसी के दौरान पूरे देश में बच्चे-बच्चे की जुबान पर इंदिरा गांधी का नाम था. ऐसे में देवेंद्र फडणवीस को भी इंदिरा गांधी का नाम पता था. लेकिन, पिता को जेल भेजे जाने की वजह से वह इंदिरा गांधी के नाम से इफरत करने लगे.
सबसे दोस्त हैं देवेंद्र
इसका प्रमाण इस वाक्या में छिपा है. द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी उनकी एक प्रोफाइल में विस्तार से इस वाक्ये का जिक्र है. दरअसल, गंगाधर फडणवीस ने अपने बेटे का दाखिला नागपुर के इंदिरा कंवेंट स्कूल में करवाया था. यह एक अच्छा स्कूल है. लेकिन, देवेंद्र फडणवीस की बचपन की यादें ऐसी थी कि वह इंदिरा नाम पसंद नहीं करते थे. इस कारण उन्होंने इंदिरा कंवेंट स्कूल में पढ़ाई करने से मना कर दिया. उनकी इस जिद के आगे परिवार को भी झुकना पड़ा और उनका दाखिला शहर के ही एक दूसरे स्कूल सरस्वती विद्यालय में करवाया गया. फिर सरस्वती विद्यालय से ही उन्होंने सीनियर सेकेंड्री स्कूल की परीक्षा पास की. फिर उन्होंने नागपुर से ही लॉ की डिग्री हासिल की. देवेंद्र फडणवीस के पास लॉ की डिग्री है लेकिन उन्होंने कभी इसकी प्रैक्टिस नहीं की.
कॉलेज और स्कूल के उनके दोस्त उनके बारे मे बताते हैं कि देवेंद्र हर किसी के दोस्त हैं. वह बचपन से ही बेहद अनुशासित व्यक्ति रहे हैं. उन्होंने कभी कोई नियम नहीं तोड़े. उनकी सबसे अच्छी चीज यह है कि वह हर तरह के लोगों के साथ घुलमिल जाते हैं. वह कॉलेज के दिनों से ही एबीवीपी की गतिविधियों में शामिल रहे. वह मात्र 22 साल की उम्र में नागपुर नगर निगम में पार्षद बने और केवल 27 साल की उम्र में नागपुर के मेयर चुन लिए गए. फिर 1999 में वह विधानसभा पहुंचे. विधानसभा में गोपीनाथ मुंडे और नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में उन्होंने अपने सवालों और भाषणों से अपनी खास पहचान बनाई.
Tags: Devendra Fadnavis, Indira GandhiFIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 11:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed