उद्धव ठाकरे से दुश्मनी करके भी फायदा पहुंचा गए राज क्या अब भाई-भाई आएंगे साथ

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे उद्धव और राज ठाकरे के लिए बड़ा निराश करने वाले रहे हैं. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को जहां 20 सीटों पर जीत मिली, जबकि राज ठाकरे की एमएनएस इस चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई. हालांकि मुंबई की 8 सीटों सहित कुल 10 सीटों पर वह उद्धव को जरूर फायदा पहुंचा गए. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दोनों चचेरे भाई अपना सियासी भविष्य बचाने के लिए क्या एक बार फिर साथ आएंगे?

उद्धव ठाकरे से दुश्मनी करके भी फायदा पहुंचा गए राज क्या अब भाई-भाई आएंगे साथ
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे उद्धव ठाकरे को खासा निराश करने वाले रहे. यहां सरकार बनाने का दावा कर रही उद्धव ठाकरे की शिवसेना को महज 20 सीटों से संतोष करना पड़ा. उद्धव ने इन नतीजों को पूरी तरह अप्रत्याशित और समझ से परे बताया. इस चुनाव में शिवसेना को दो फाड़ करने वाले एकनाथ शिंदे ने जहां उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया, तो वहीं दुश्मन बने राज ठाकरे अपने भाई को बड़ा फायदा दे गए. शिवसेना (यूबीटी) की जीती 20 सीटों पर नजर डालें तो इनमें से आधी यानी कम से कम 10 सीटों पर उसकी जीत पर राज ठाकरे की एमएनएस का बड़ा रोल माना जा रहा है. इनमें से 8 सीटें तो अकेले मुंबई में है, जहां उद्धव ठाकरे की पार्टी को कांटे की टक्कर में जीत मिली. इन नतीजों पर नजर डालें तो पाएंगे कि यहां जीत का अंतर एमएनएस उम्मीदवारों को मिले वोटों से भी कम था. आदित्य ठाकरे की जीत में रोल इसमें सबसे पहला नाम तो आदित्य ठाकरे का आता है. वर्ली सीट पर उन्होंने शिवसेना के मिलिंद देवड़ा को 8,801 वोटों से हराया. वहीं एमएनएस उम्मीदवार संदीप देशपांडे को 19,367 वोट मिले. आदित्य ठाकरे ने इससे पहले 2019 में भी इसी वर्ली सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और 67000 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. ऐसा माना जा रहा है कि अगर एमएनएस ये वोट नहीं काटती, तो उद्धव ठाकरे के लिए ये नतीजे शर्मिंदा करने वाले हो सकते थे. एक तो ठाकरे परिवार से पहले कोई सदस्य चुनावी राजनीति में उतरता नहीं था और अब उतरा पर दूसरी ही लड़ाई में फुस्स हो गया. राज ठाकरे के बेटे की किस्मत नहीं रही ठीक वैसे इस चुनाव में एक और ठाकरे किस्मत आजमा रहे थे, वह थे खुद राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे. हालांकि उनका किस्मत वैसी ठीक नहीं रही. माहिम सीट पर उन्हें महज 33,062 वोट मिले. हालांकि अमित के चुनाव लड़ने से भी चाचा उद्धव को ही फायदा मिला, क्योंकि यहां उनके उम्मीदवार महेश सावंत ने शिवसेना के सदा सर्वंकर को 1,316 वोटों के अंतर से हराया. कुछ ऐसा ही हाल विक्रोली का रहा, जहां शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार ने 15,526 वोटों से जीत हासिल की. वहीं मनसे उम्मीदवार को 16,813 वोट मिले. जोगेश्वरी ईस्ट में उद्धव गुट के उम्मीदवार ने 1,541 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जहां मनसे को 64,239 वोट मिले. कुछ ऐसा ही हाल मुंबई की दादर, वर्सोवा, कालीना, वडाला ईस्ट पर सीट दिखा, जहां उद्धव गुट के उम्मीदवार की जीत का अंतर मनसे कैंडिडेट को मिले वोटों से कम था. आदित्य ठाकरे को वर्ली में मिली जीत, माहिम में हार गए अमित ठाकरे (दाएं) मुंबई की इन 8 सीटों के अलावा वाणी सीट पर उद्धव गुट के उम्मीदवार ने 15,560 वोटों से जीत हासिल की. उन्हें 94,618 वोट मिले, जबकि मनसे उम्मीदवार को 21,977 वोट मिले. वहीं गुहागर सीट पर जीत का अंतर 2,830 वोटों का रहा. यहां उद्धव गुट को 71,241 वोट मिले और मनसे को 6,712 वोट मिले. एकनाथ शिंदे ने 36 सीटों पर उद्धव ठाकरे को दी मात वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इस चुनाव में उद्धव ठाकरे को बड़ा नुकसान पहुंचाया. शिवसेना (शिंदे गुट) ने 81 सीट पर चुनाव लड़कर 57 सीट जीतीं. इन 81 में से 50 सीटों पर उसका सीधा मुकाबला शिवसेना उम्मीदवार से था. इनमें से 36 सीट पर एकनाथ शिंदे के कैंडिडेट को जीत मिली. वहीं 14 सीटों पर उद्धव की शिवसेना-यूबीटी को जीत मिली. वैसे उद्धव ठाकरे को यहां 20 सीटों पर जीत जरूर मिल गई, लेकिन उनके लिए महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे निराश करने वाले ही रहे हैं. उन्होंने तो यह तक कह दिया कि वह विश्वास नहीं कर सकते कि कोरोनो वायरस महामारी के दौरान उन्हें “कुटुंब प्रमुख” के रूप में सुनने वाला महाराष्ट्र उनके साथ इस तरह का व्यवहार करेगा. पॉलिटिकल पंडित तो यह तक सवाल करने लगे कि अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा? वैसे उनके भाई राज ठाकरे का भी इस चुनाव में बुरा हाल रहा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमएनएस ने 125 उम्मीदवार उतारे थे और इनमें से एक-दो को छोड़कर सभी का जमानत जब्त हो गया. इस रिजल्ट के बाद राज ठाकरे में भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे. एक सवाल तो यही है क्या बाल ठाकरे से राजनीति के ककहरा सीखने वाले दोनों चचेरे भाई उद्धव और राज ठाकरे अब सियासी विरासत को बचाने के लिए एक-साथ आएंगे. यह तो खैर आने वाला वक्त ही बताएगा. Tags: Maharashtra Elections, Raj thackeray, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 23:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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