राज्यपाल-न्यायालय ने सत्य को खूंटी पर टांग दिया महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन पर शिवसेना का सामना के जरिए वार

Saamana attacks governor, court: महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए निशाना साधा है. लिखा कि इस महान देश का संविधान अब नैतिकता के पतन से ग्रसित हो गया है. ये परिस्थितियां निकट भविष्य में बदलेंगी, ऐसे संकेत भी नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि बाजार में सभी रक्षक बिकने के लिए उपलब्ध हैं. सामना ने लिखा कि हमें तो देवेंद्र फडणवीस को लेकर हैरानी होती है. उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में वापस आना था, परंतु बन गए उपमुख्यमंत्री.

राज्यपाल-न्यायालय ने सत्य को खूंटी पर टांग दिया महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन पर शिवसेना का सामना के जरिए वार
मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे के सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए निशाना साधा है. सामना में राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाए गए हैं. एकनाथ शिंदे को निशाने पर लेते हुए कहा गया है कि ये कहने वालों की पोल खुल गई है कि सत्ता के लिए शिवसेना से दगाबाजी नहीं की. मुखपत्र में बीजेपी पर भी तीखा हमला बोला गया. शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि शिवसेना से बाहर निकलकर दगाबाजी करने वाले विधायकों के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई शुरू करते ही सर्वोच्च न्यायालय ने उसे रोक दिया और कहा कि दल-बदल कार्रवाई किए बगैर बहुमत परीक्षण करें. राज्यपाल और न्यायालय ने सत्य को खूंटी पर टांग दिया और निर्णय सुनाया इसलिए विधि मंडल की दीवारों पर सिर फोड़ने में कोई मतलब नहीं था. संविधान के रक्षक ही जब ऐसे गैरकानूनी कृत्य करने लगते हैं और ‘रामशास्त्री’ कहलाने वाले न्याय के तराजू को झुकाने लगते हैं, तब किसके पास अपेक्षा से देखना चाहिए? सामना में आगे लिखा गया कि हिंदुस्थान जैसा महान देश और इस महान देश का संविधान अब नैतिकता के पतन से ग्रसित हो गया है. ये परिस्थितियां निकट भविष्य में बदलेंगी, ऐसे संकेत भी नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि बाजार में सभी रक्षक बिकने के लिए उपलब्ध हैं. दुनियाभर में लोकतंत्र का डंका पीटते हुए घूमना और अपने ही लोकतंत्र व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के दीये के नीचे अंधेरा, ऐसी वर्तमान स्थिति है. विरोधी दलों का अस्तित्व खत्म करके इस देश में लोकतंत्र कैसे जीवित रहेगा? सामना ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राजभवन से पार्टी बदलने और विभाजन को बढ़ावा देने की प्रक्रिया चलने वाली है? महाराष्ट्र में अस्थिरता के लिए संविधान के रक्षक राजभवन से ताकत कैसे दे सकते हैं? लोकनियुक्त विधानसभा का अधिकार हमारी अदालतें व राज्यपाल कैसे ध्वस्त कर सकते हैं? लिखा गया कि महाराष्ट्र में गुरुवार को जो हुआ, उससे ‘सत्ता ही सर्वस्व और बाकी सब झूठ’ इस पर मुहर लग गई. सत्ता के लिए हमने शिवसेना से दगाबाजी नहीं की, ऐसा कहने वालों ने ही मुख्यमंत्री पद का मुकुट खुद पर चढ़ा लिया. मतलब शिवसेना से संबंधित नाराजगी वगैरह यह सब बहाना था. वह भी किसके समर्थन से, जो ये कहते रहे कि उनका कोई संबंध ही नही है.. सामना ने लिखा कि हमें तो देवेंद्र फडणवीस को लेकर हैरानी होती है. उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में वापस आना था, परंतु बन गए उपमुख्यमंत्री. यही ढाई-ढाई वर्ष मुख्यमंत्री बांटने का फॉर्मूला चुनाव से पहले दोनों ने तय किया था, तो फिर उस समय मुख्यमंत्री पद को लेकर युति क्यों तोड़ी? मुखपत्र में लिखा गया कि जब कौरवों ने द्रौपदी को भरी सभा में खड़ा करके बेइज्जत किया था और धर्मराज सहित सभी निर्जीव बने तमाशा देखते रहे थे. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र में हुआ. जनता जनार्दन श्रीकृष्ण की तरह अवतार लेगी और महाराष्ट्र की इज्जत लूटने वालों पर सुदर्शन चलाएगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Eknath Shinde, Maharashtra, Saamana, Shiv senaFIRST PUBLISHED : July 01, 2022, 07:32 IST