वो 5 भूल जिससे 10 साल की मेहनत गई धुल क्या महाराष्ट्र की जनता BJP को गई भूल
वो 5 भूल जिससे 10 साल की मेहनत गई धुल क्या महाराष्ट्र की जनता BJP को गई भूल
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र का आगामी विधानसभा चुनाव कहीं से भी भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं होने वाला है. बीते लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदों के मुताबिक नतीजे नहीं मिले थे.
मुंबई. महाराष्ट्र वो राज्य है जहां बीजेपी पिछले 10 सालों में पहले तो शिखर पर पहुंची और फिर वहीं पहुंच गई जहां 2009 में थी. यहां बीजेपी एक विधानसभा चुनाव छोड़कर बाकी चुनावों में शिवसेना के साथ गठबंधन करके ही चुनाव लड़ी, लेकिन जूनियर पार्टनर के तौर पर. बीजेपी की सीटें शिवसेना से ज्यादा हो या कम, गठबंधन की डोर पहले शिवसेना के पास ही रहती थी. लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 48 में से 41 मिलीं. इसमें बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिलीं. इस गठबंधन को महाराष्ट्र में इतनी सीट इससे पहले कभी नहीं मिली थी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बीजेपी को अपनी बढ़ती ताकत का अहसास हुआ और 2014 के विधानसभा चुनाव में उसने शिवसेना ने ज्यादा सीट मांगे.
शिवसेना ने ज्यादा सीट देने से मना किया, तो बीजेपी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी और 122 सीट जीतकर बड़ी कामयाबी हासिल की. हालांकि बीजेपी बहुमत से अब भी 23 सीट कम थी और उसे सरकार बनाने के लिए शिवसेना की ही मदद लेनी पड़ी, जिसके पास 63 सीटें थीं. लेकिन अब दोनों दलों के बीच दरार पड़ चुकी थी और 5 साल के शासन के दौरान बीजेपी और शिवसेना के बीच विवादों का लंबा सिलसिला चला. महाराष्ट्र में नंबर वन पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के बाद बीजेपी एक के बाद एक कई गलतियां करती गई जिससे वो लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे में फिर वहीं पहुंच गई जहां 2009 में थी.
लोकसभा चुनाव 2024 में किसे कितनी सीट मिली:
कांग्रेस – 13 सीट
शिवसेना (उद्धव) – 09 सीट
बीजेपी – 09 सीट
एनसीपी (शरद) – 08 सीट
शिवसेना – 07 सीट
महाराष्ट्र में बीजेपी के शिखर से सिफर तक पहुंचने के लिए जिम्मेदार रहीं वो गलतियां जो उसने एक बार नहीं, बार-बार दोहराई.
बीजेपी की पहली गलती:
2014 में विधानसभा चुनाव अकेले लड़कर 122 सीट जीतने के बाद बीजेपी 2019 में फिर से शिवसेना के साथ गठबंधन करके काफी कम सीट पर चुनाव लड़ी और उसकी सीट घटकर 105 हो गई. हालांकि, बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को जनता ने बहुमत दिया, लेकिन शिवसेना ने बीजेपी को ठेंगा दिखाकर कांग्रेस-एनसीपी के साथ चली गई.
बीजेपी की दूसरी गलती:
बीजेपी ने अजित पवार पर भरोसा करके रातों रात सरकार बनाने का फैसला किया. अजित पवार ने एनसीपी को तोड़कर बीजेपी के लिए बहुमत जुटाने का दावा किया, लेकिन कुछ ही दिन में पाला बदलकर फिर से शरद पवार के पास पहुंच गए. बीजेपी की इससे बड़ी किरकिरी हुई. सरकार तो नहीं चली, लेकिन अजित पवार के भ्रष्टाचार के छींटें भी बीजेपी के दामन पर लग गए. बीजेपी को ना माया मिली ना राम.
बीजेपी की तीसरी गलती:
एकनाथ शिंदे शिवसेना को तोड़कर बीजेपी के साथ आ गए, जिससे अब बहुमत इधर आ गया. सरकार तो बनी लेकिन शिवसेना (शिंदे गुट) से ढाई गुना से ज़्यादा सीट होने के बाद भी बीजेपी ने 2 बार के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को डिमोट करके डिप्टी सीएम बना दिया. और जो एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनकर ही खुश होते उन्हें सीएम की कुर्सी गिफ्ट कर दी. इससे बीजेपी के नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूट गया.
बीजेपी की चौथी गलती:
जब बीजेपी-शिवसेना (शिंदे) सरकार ठीक चल रही थी तब बीजेपी ने अजित पवार को फिर से एंट्री दे दी. इस बार वो एनसीपी को तोड़कर 3 दर्जन से ज्यादा विधायक ले आए और डिप्टी सीएम बन गए. अजित पवार के साथ आने से बीजेपी का भ्रष्टाचार के खिलाफ मुद्दा कमजोर पड़ा जिससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर विपरीत असर पड़ा. 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन को पूरी तरह नकार दिया जिससे एनडीए की सीट 41 से घटकर 17 पर पहुंच गई.
बीजेपी की पांचवीं गलती:
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद बीजेपी ने एनसीपी (अजित पवार) गुट को केंद्र में एक राज्यमंत्री का पद ऑफर किया. वो तो प्रफुल्ल पटेल ने राज्यमंत्री का ओहदा लेने से इनकार करते हुए मंत्री पद को ठुकरा दिया. वरना एक सीट जीतने वाली एनसीपी आज केंद्र में भी एनडीए सरकार का हिस्सा होती.
अब अजित पवार बीजेपी के लिए ना ही उगलते बन रहे हैं और ना ही निगलते. तीन महीने बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार बीजेपी के लिए राह बहुत मुश्किल दिख रही है. मगर अपनी इस हालत के लिए बीजेपी किसी और को दोषी नहीं ठहरा सकती क्योंकि उसने एक के बाद एक इतनी गलतियां की हैं, जिससे सारे किए कराए पर पानी फिर गया है.
Tags: Ajit Pawar, BJP, Devendra Fadnavis, Eknath ShindeFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 21:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed