होम लोन पर हुए खर्च से ज्यादा रिटर्न देकर भरपाई कर देगी एसआईपी समझें पूरा गणित
होम लोन पर हुए खर्च से ज्यादा रिटर्न देकर भरपाई कर देगी एसआईपी समझें पूरा गणित
आज कल लोग ब्याज के अमाउंट को अगले 20 साल में किसी और निवेश से बराबर करने की कोशिश करते हैं ताकि लोन खत्म होने तक उस पर किया गया व्यय आपके निवेश से कैंसिल हो जाए.
हाइलाइट्सईएमआई का 25% भी एसआईपी में लगाकर कुल लोन अमाउंट से अधिक फंड बना सकते हैं.50 लाख रुपये के लोन पर आपको करीब इतना या इससे ज्यादा ब्याज चुकाना होता है.लोन के बाद आपको एक बेहतर म्यूचुअल फंड में एसआईपी शुरू कर देनी चाहिए.
नई दिल्ली. फेस्टिव सीजन में आपको घर खरीदने पर कई ऑफर्स के साथ अच्छी डील मिल जाएगी. प्रॉपर्टी बेचने वाली कंपनी के अलावा बैंक भी अपनी तरफ से आपको कई तरह की आकर्षक डील ऑफर कर सकते हैं. बैंकों से फिलहाल औसतन 8 फीसदी ब्याज दर पर लोन मिल रहा है. अगर आप इस ब्याज दर पर भी 20 साल के लिए लोन लेते हैं तो आपको मूलधन के जितना ही ब्याज देना पड़ जाता है. यानी घर की रकम आप डबल चुकाते हैं.
यही कारण हैं कि कई लोग लोन लेकर घर या कोई प्रॉपर्टी खरीदने से परहेज करते हैं. लेकिन युवाओं के बीच ये सोच बदली है और वे अपने वित्त को लेकर अधिक सजग हो गए हैं. आज कल किसी तरह ब्याज के अमाउंट को अगले 20 साल में किसी और निवेश से बराबर करने की कोशिश करते हैं ताकि लोन खत्म होने तक आपके द्वारा घर पर किया गया व्यय आपके निवेश से कैंसिल हो जाए. इसमें किसी म्यूचुअल फंड में की गई एसआईपी आपकी बहुत मदद कर सकती है. आइए देखते हैं कैसे.
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एसआईपी से करें लोन खर्च की भरपाई
मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया और 20 साल में आप ब्याज समेत बैंक को 1 करोड़ रुपये चुकाते हैं. अब इसकी भरपाई कैसे की जाए. एसआईपी इसका एक जवाब हो सकती है. इसे नंबर्स के साथ समझने का प्रयास करते हैं. 50 लाख रुपये पर 8 फीसदी सालाना की ब्याज दर से लोन ले रहे हैं. यहां आपकी मंथली ईएमआई हुई 41822 रुपये. आपका ये लोन 20 साल का है तो कुल 50.37 लाख रुपये का ब्याज चुकाया. मकान की कीमत 50 लाख रुपये थी. ब्याज समेत आपने 1 करोड़ 37 हजार रुपये का खर्च किया. अब बात करते हैं एसआईपी की. मान लीजिए आपने ईएमआई का केवल 25% यानी 10912 रुपये निवेश करना शुरू किया. इसमें आपको सालाना अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी का मिलेगा. 20 साल आपके पास 1.1 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो जाएगा.
क्या है एसआईपी
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लानिंग. इसका मतलब है कि आप 1 निर्धारित समय (1 महीने, 3 महीने, 6 महीने) के बाद किसी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं. यह इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड की एसआईपी हो सकती है. इसमें आपके पैसे को एक अनुभवी फंड मैनेज करता है और आपको दिनभर स्टॉक्स देखने की जरूरत नहीं होती है. इसमें रिस्क इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह फंड चुना है. इसे इक्विटी म्यूचुअल फंड के उदाहरण से समझें. अगर आप स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो आपको निवेश पर रिटर्न ज्यादा मिलने की उम्मीद है लेकिन रिस्क भी हाई होगा. वहीं, लार्ज कैप म्यूचुअल फंड्स में रिस्क कम होगा लेकिन मुनाफा भी उसी अनुपात में नीचे आ जाएगा. इसलिए आपको अपने पोर्टफोलियों में स्मॉल, मीडियम और लॉर्ज कैप स्टॉक्स का एक बेहतर मिश्रण लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
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Tags: Business news in hindi, Home loan EMI, Investment tips, Returns of mutual fund SIPs, SIPFIRST PUBLISHED : October 30, 2022, 15:21 IST