57 साल बाद अरुणाचल प्रदेश के इस इलाके में पहुंचा कुकिंग गैस कनेक्शन लोगों ने जताई खुशी

म्यांमार सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सर्कल में 57 साल बाद एलपीजी कनेक्शन पहुंचा. एक स्थानीय गैस एजेंसी ने 15 परिवारों तक एलपीजी सिलेंडर पहुंचाया. मंत्री कमलुंग मोसांग ने कहा कि लोगों की लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरत को पूरा किया गया है.

57 साल बाद अरुणाचल प्रदेश के इस इलाके में पहुंचा कुकिंग गैस कनेक्शन लोगों ने जताई खुशी
हाइलाइट्सअरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सर्कल में पहुंचा कुकिंग गैस कनेक्शन57 साल बाद लोगों तक पहुंचा गैस सिलेंडर मंत्री कमलुंग मोसांग ने कहा- लोगों की जरूरत हुई पूरी गुवाहाटी: भारत में सबसे पहला एलपीजी कनेक्शन 22 अक्टूबर, 1965 को कोलकाता में पेश किया गया था. अब इसके 57 साल बाद म्यांमार सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सर्कल में कुकिंग गैस कनेक्शन पहुंचा है. दो दिन पहले चांगलांग जिले के मियाओ अनुमंडल स्थित एक एजेंसी ने 157 किलोमीटर दूर विजयनगर में 15 परिवारों को एलपीजी सिलेंडर पहुंचाए. मंत्री कमलुंग मोसांग ने कहा कि लोगों की लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरत को पूरा किया गया है. उन्होंने कहा,’ इलाके के लोग खाना पकाने के लिए पूरी तरह से जलाऊ लकड़ी पर निर्भर थे. ऐसे में उन्हें बहुत कठिनाओं का सामना करना पड़ता था. खासकर बारिश के मौसम में.’ मंत्री मोसांग ने दावा किया सरकार राज्य लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है. सड़क के बुनियादी ढांचे के आने के साथ, विजयनगर को जल्द ही एक नया रूप मिलेगा.’ लोगों में खुशी गैस डीलर अंतु नगेमू ने कहा कि उपभोक्ता बहुत खुश हैं. करीब 500 अन्य लोगों ने एलपीजी कनेक्शन के लिए आवेदन किया था लेकिन उनके दस्तावेज अभी एजेंसी तक नहीं पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि हम रसद और दस्तावेज़ीकरण सहित मुद्दों के कारण उन्हें सेवा का विस्तार नहीं कर पाए हैं. यहां तक कि एक बैंक ट्रांजैक्शन के लिए भी आपको कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. एक स्थानीय निवासी ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसके पिता इतने खुश थे कि उन्होंने सिलेंडर आने की खबर को बताने के लिए उसे फोन किया था. ये भी पढ़ें:  दोस्तों के साथ घूमने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है अरुणाचल प्रदेश का जीरो, प्लान करें ट्रिप उनका कहना है कि विजयनगर में जीवन बहुत कठिन है. स्थानीय लोग 15-20 किलोमीटर पैदल चलकर जंगल में जाकर जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करते थे. 8,000 वर्ग किमी में फैले, विजयनगर की खोज 1961 में असम राइफल्स द्वारा एक अभियान “श्रीजीत II” के दौरान की गई थी. इसे देश के सबसे पुराने अर्धसैनिक बल के तत्कालीन महानिरीक्षक मेजर जनरल एएस गुरया के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था. उन्होंने अपने बेटे विजय के नाम पर घाटी का नाम रखा था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Arunachal pradesh, LPG Gas CylinderFIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 23:00 IST