‘हेलो माल चाहिए’ कॉल सेंटर से हो रही थी ‘डील’ पुलिस को लगी भनक फिर

International Drug Syndicate: ईडी ने काल सेंटर के जरिये लखनऊ, दिल्ली और हैदराबाद से अमेरिका और ब्रिटेन में ग्राहकों को नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले एक इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है.

‘हेलो माल चाहिए’ कॉल सेंटर से हो रही थी ‘डील’ पुलिस को लगी भनक फिर
नई दिल्ली. ईडी ने काल सेंटर के जरिये लखनऊ, दिल्ली और हैदराबाद से अमेरिका और ब्रिटेन में ग्राहकों को नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले एक इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक बड़ी जांच की है. जिसमें कथित तौर पर लखनऊ, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य शहरों में कॉल सेंटरों के जरिये चलने वाले एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच से पता चलता है कि ये कॉल सेंटर साइकोट्रोपिक दवाओं और ओपिओइड बेचने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन में ग्राहकों को अपना निशाना बना रहे थे. ब्रिटेन, अमेरिका के ग्राहकों को बनाते निशाना ईडी के मुताबिक इस पूरे गिरोह को चलाने वाले शख्स का नाम हैदर अब्बास है, जिसे सिराजी सिंडिकेट का एक प्रमुख व्यक्ति बताया जाता है. अब्बास पर आरोप है कि उसने 2017-18 में 5, पार्क रोड, हजरतगंज, लखनऊ में मेसर्स ग्लोबल इनसाइट टेलीकम्युनिकेशन कॉल सेंटर की स्थापना की थी. कथित तौर पर इस कॉल सेंटर के जरिये अमेरिका और ब्रिटेन में ग्राहकों को फंसाया जाता था. उनको ट्रामाडोल, अल्प्राजोलम, डायजेपाम, आर-लैम, क्लोनाज़ेपम और लोराज़ेपम सहित प्रतिबंधित साइकोट्रोपिक दवाएं और ओपिओइड भेजी जाती थीं. कॉल सेंटर से ग्राहकों से संपर्क ईडी को दिए गए अब्बास के बयान के मुताबिक कॉल सेंटर द्वारा कथित रूप से यूएस स्थित ग्राहकों के बारे में डेटा गोपाल गुप्ता के जरिये हासिल किया गया था. जो लखनऊ में विभिन्न आईटी फर्मों से जुड़ा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. इस डेटा से लैस, कॉल सेंटर के कर्मचारी संभावित ग्राहकों को कॉल करके ओपिओइड टैबलेट के लिए उनकी जरूरतों का पता लगाते थे. ऑर्डर मिलने पर ग्राहक जल्दी से नियमित ग्राहक बन जाते थे, जिससे अवैध लेन-देन का सिलसिला जारी रहता था. खालिस्तान समर्थक MP अमृतपाल सिंह का भाई ड्रग्स के साथ पकड़ा गया, पुलिस ने फिल्लौर से रंगे हाथों किया गिरफ्तार ड्रग्स भेजने के कई तरीके हैदर अब्बास के बयान के मुताबिक ग्राहकों की जानकारी, नाम, पते, प्रतिबंधित साइकोट्रोपिक दवाओं और ओपिओइड के नाम और मांगी गई मात्रा वाले डेटा को स्काइप या व्हाट्सएप के जरिए अब्दुल समद को भेजा जाता था. अब्दुल समद सिराजी सिंडिकेट के लिए विभिन्न साइकोट्रोपिक दवाओं की खरीद के लिए जिम्मेदार था. अब्बास के बयान से यह भी पता चला कि अब्दुल समद लखनऊ कॉल सेंटर के साथ समन्वय करने के अलावा, दिल्ली, हैदराबाद और कई अन्य शहरों में स्थित कॉल सेंटरों से लीड हासिल करता था. जो अमेरिका और ब्रिटेन के ग्राहकों को निशाना बनाते थे. कहा जाता है कि बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद समद अंधेरी में शिराजी के ऑफिस में खेप भेजता. जहां शिराजी के सहयोगी साड़ियों, कपड़ों और खाने के सामानों के बक्सों में नशीली दवाओं की खेप छिपाते थे. इसके बाद खेपों को यूएसए और यूके भेजने के लिए एयरपोर्ट भेजा जाता था. Tags: Drugs case, Drugs mafia, Drugs Peddler, Drugs tradeFIRST PUBLISHED : July 14, 2024, 10:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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