सिर मूंडा सिगरेट से दागा 2 किशोरों ने मौत के साये में बिताए 48 घंटे
सिर मूंडा सिगरेट से दागा 2 किशोरों ने मौत के साये में बिताए 48 घंटे
Myanmar Militant Indian Teen Captive: म्यांमार में सैन्य सरकार और विद्रोहियों के बीच लगातार सशस्त्र संघर्ष चल रहा है. म्यांमार के उग्रवादियों ने भारतीय किशोरों को अगवा कर लिया. उनके चंगुल से छूटे किशोरों ने भयावह आपबीती सुनाई है.
आइजोल. पड़ोसी देश म्यांमार इन दिनों सशस्त्र संघर्ष की आग में झुलस रहा है. इसका असर आसपास के सीमाई इलाकों में भी देखा जा रहा है. असम राइफल्स के अधिकारियों ने एक ऐस ही घटना के बारे में जानकारी दी है. असम राइफल्स ने रविवार को बताया कि 2 किशोर करीब एक सप्ताह तक पड़ोसी म्यांमार के चिन प्रांत में उग्रवादियों द्वारा बंदी बनाए जाने के बाद मिजोरम में अपने घर लौट आए हैं. अधिकारियों ने बताया कि म्यांमर के उग्रवादियों ने उनके सिर मूंड दिए और उनके शरीर पर जगह-जगह सिगरेट से दागे जाने के निशान भी मिले हैं.
असम राइफल्स अधिकारी ने बताया कि चिन डिफेंस फोर्स (सीडीएफ) की हुआलंगोरम यूनिट ने कथित तौर पर 1 सितंबर को भारतीय बॉर्डर के पास पड़ोसी देश के एक पर्यटक स्थल रिह डिल झील से 16 और 15 साल के दो लड़कों को अगवा किया था. चिन डिफेंस फोर्स (सीडीएफ) म्यांमार में सैन्य शासन से लड़ने वाले कई उग्रवादी संगठनों में से एक है. अधिकारी ने आगे बताया, ‘मिजोरम के जोखावथर गांव के 5 किशोर 1 सितंबर को बाइक से रिह डिल झील गए थे. वहां पहुंचने पर उन्हें सीडीएफ के उग्रवादियोंने रोक लिया और जोखावथर के कुछ अन्य लड़कों के साथ हुई पिछली हाथापाई के कारण उनकी पिटाई कर दी.’
मिजोरम में कहां से आए 36 हजार शरणार्थी? सिर्फ 10 दिनों में म्यांमार के 1400 से ज्यादा नागरिक पहुंचे
5 किशोर भागने में सफल, 2 को बनाया बंधक
असम राइफल्स के अधिकारी ने बताया कि 5 में से 3 लड़के भागकर भारत लौट आए, जबकि दो को सीडीएफ ने बंधक बना लिया. अधिकारी ने कहा, ‘दोनों लड़कों को दो दिन तक रिह डिल इलाके में रखा गया और फिर 3 सितंबर को म्यांमार के सेइक गांव के लियांडो कैंप में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें जेल में रखकर प्रताड़ित किया गया.’ उन्होंने कहा, ‘उनके सिर मुंडवा दिए गए, उनके सिर और शरीर पर सिगरेट के जले के निशान हैं और एक लड़के के सामने के दांत भी टूटे हुए हैं.’ उन्होंने कहा कि सीडीएफ ने 6 सितंबर की शाम उन्हें छोड़ दिया था.
उग्रवादियों का प्रभाव
असम राइफल्स ने बताया कि हो सकता है कि उग्रवादियों ने बॉडर एरिया में अधिकार या प्रभुत्व दिखाने और क्षेत्र में ग्राम परिषद के नेताओं व अन्य स्थानीय नेताओं पर हावी होकर सीमा क्षेत्रों के मामलों में अपनी बात आगे बढ़ाने के लिए दोनों लड़कों का अपहरण और उत्पीड़न किया हो. उन्होंने दावा किया कि सीडीएफ चिन नेशनल आर्मी (सीएनए) के संरक्षण में भारत से आने-जाने वाले सभी सामानों पर कर वसूलता है. उन्होंने बताया कि सीएनए चिन राज्य में केंद्रित सशस्त्र समूह है. ग्राम परिषद के अध्यक्ष लालमुआनपुइया के अनुसार इससे पहले, इस घटना से जोखावथर में तनाव फैल गया था और स्थानीय लोगों ने दोनों लड़कों की तत्काल रिहाई की मांग की थी. स्थानीय लोगों ने उग्रवादियों को यह भी याद दिलाया था कि कैसे मिजो लोगों ने म्यांमार में हिंसा की वजह से भागकर आए चिन लोगों का स्वागत किया और उन्हें शरण दी थी.
Tags: Myanmar Violence, National NewsFIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 23:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed