कांग्रेस नेता ने क्यों कसा तंज राहुल के साथ की दी थी कदमताल अब क्या हुआ
कांग्रेस नेता ने क्यों कसा तंज राहुल के साथ की दी थी कदमताल अब क्या हुआ
Haryana Chunav: श्वेता ढुल उन चेहरों में से एक हैं जिन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ यात्रा की. लेकिन श्वेता ने इंस्टग्राम पर कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा है. दरअसल उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की पुष्टि की गई थी उन्हें टिकट मिल रहा है. लेकिन बाद में उनका टिकट कट गया था.
नई दिल्ली: हरियाणा में सियासी मंच सज चुका है. चुनावी अखाड़े में पहलवान उतर चुके हैं. हालांकि इस आखाडे़ में कुछ लोग आए तो कुछ लोगों को इस बार भी अखाड़े में आने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इसी इंतजार कराने के लिए सियासी खिलाड़ी अपनी ही टीम से नाराज चल रहे हैं. तो कुछ का दिल भी टूटा है. इसी में से एक हैं कांग्रेस की नेता श्वेता ढुल. श्वेता ढुल उन चेहरों में से एक हैं जिन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ यात्रा की. उनकी तस्वीर राहुल गांधी के साथ भी आ चुकी है. श्वेता ने इंस्टग्राम पर अपनी हताशा जाहिर की. इसे तंज के रूप में भी देखा ज सकता है.
उन्होंने बुधवार को अपने पोस्ट में लिखा ‘राजा का बेटा ही राजा बनता है. यही सत्य है.’ अब सवाल है कि उन्होंने ऐसा क्यों लिखा. दरअसल कांग्रेस की बहु-विलंबित, बहु-विवादित हरियाणा सूची से उत्पन्न नाराज़गी में, गुरुवार को अपने घावों को भरने वालों में से एक ढुल थीं. जो हाल के सालों में भर्ती परीक्षा के मुद्दों को उठाने वाली एक कार्यकर्ता के रूप में उभरी थीं और पार्टी का ध्यान तब आकर्षित किया जब राहुल गांधी ने उन्हें अपनी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण भेजा, और फिर उन्हें व्यक्तिगत रूप से अपने दर्शकों के सामने “फायरब्रांड नेता” के रूप में पेश किया.
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क्यों नाराज ढुल?
कुछ महीने बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गईं. कुछ महीने बाद ढुल कलायत सीट से पार्टी टिकट की दौड़ में सबसे आगे थीं. लेकिन, बुधवार आधी रात के बाद कांग्रेस की सूची में हुए उलटफेर में ढुल खुद को शह-मात की दौड़ में पाती दिखीं. पार्टी ने हिसार के सांसद जय प्रकाश के बेटे विकास को कलायत से उम्मीदवार घोषित किया. जय प्रकाश ने 2014 में कलायत से निर्दलीय के तौर पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा की कमलेश ढांडा से हार गए थे. टिकट न दिए जाने को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रतिद्वंद्वियों ने कांग्रेस के कद्दावर नेता की खासियत के तौर पर देखा. जय प्रकाश हुड्डा के खास आदमी माने जाते हैं, जबकि ढुल को हुड्डा के विरोधी रणदीप सुरजेवाला का समर्थन हासिल था.
’15 से 20 मिनट में ही मेरा नाम काट दिया गया’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ढुल ने कहा कि उन्हें 9 सितंबर को इस बात की पुष्टि मिल गई थी कि उन्हें टिकट मिल गया है. उन्होंने आगे कहा कि “मेरे समर्थक मेरे दफ्तर भी पहुंचे थे. आखिरी 15 से 20 मिनट में ही मेरा नाम काट दिया गया और सांसद के बेटे को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया… पार्टी द्वारा कराए गए सर्वेक्षणों में मेरा नाम सबसे ऊपर था, जबकि सांसद के बेटे का नाम कहीं नहीं था. फिर भी मुझे हटा दिया गया.”
कैथल के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली दो बच्चों की मां ढुल ने करीब सात-आठ साल पहले “गलत भर्तियों” का मुद्दा उठाना शुरू किया था. स्कूलों में योग शिक्षकों की समस्याओं से शुरू करते हुए ढुल ने प्रश्नपत्रों में त्रुटियों और हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग सहित राज्य एजेंसियों द्वारा परीक्षा आयोजित करने में की गई चूकों को उजागर किया.
ढुल ने आगे कहा कि “यह पहली बार था जब मैंने पार्टी से टिकट मांगा क्योंकि जो लोग मुझसे जुड़े हैं, जो लोग मुझे प्रेरणा के रूप में देखते हैं, उन्होंने मुझे चुनाव लड़ने के लिए कहा. रणदीप सुरजेवाला जी ही थे जिन्होंने मुझे सबसे पहले बताया कि राजनीति को मेरे जैसे लोगों की जरूरत है.” उनके अनुसार, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भी गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के समक्ष उनके नाम की “पुरजोर सिफारिश” की थी. “बाबरिया जी आखिरी समय में बीमार पड़ गए. अगर वे होते, तो मुझे लगता है कि मेरा नाम पार्टी उम्मीदवारों की सूची में होता.”
Tags: Congress, Haryana election 2024, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 13:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed