धारचूला को बचाने के लिए एलधारा की पहाड़ी का परमानेंट ट्रीटमेंट जरूरी वरना इतिहास बन जाएगा शहर!

Landslide in Dharchula: पिथौरागढ़ के धारचूला में भले ही आपदा को गुजरे 10 दिन का समय हो गया है, लेकिन अभी भी लोग खौफ में जी रहे हैं. वहीं, स्‍थानीय लोग एलधारा की पहाड़ी का परमानेंट ट्रीटमेंट करने की मांग कर रहे हैं. इस पहाड़ी में होने वाली जरा सी हलचल भी धारचूला मुख्यालय पर भारी पड़ सकती है. 

धारचूला को बचाने के लिए एलधारा की पहाड़ी का परमानेंट ट्रीटमेंट जरूरी वरना इतिहास बन जाएगा शहर!
रिपोर्ट- हिमांशु जोशी पिथौरागढ़. उत्तराखंड के धारचूला में भले ही आपदा का दौर गुजरे हुए 10 दिन का समय हो गया है, लेकिन अभी भी यहां के लोग खौफ में जी रहे हैं. धारचूला मल्ली बाजार में एलधारा की पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण स्थानीय लोगों की नींद उड़ी हुई है. यहां जब-जब बारिश होती है, तब-तब लोगों को डर सताने लगता है. धारचूला क्षेत्र आपदा की दृष्टि से अति-संवेदनशील है, जिस कारण यहां हर साल कुदरत तबाही मचाती है. इस बार एलधारा में हुए भूस्खलन के बाद पूरा धारचूला बाजार खतरे में आ गया है और लोग अब इस पहाड़ी का परमानेंट ट्रीटमेंट करने की मुखर होकर मांग कर रहे हैं. अभी भले ही मार्ग खुल गया हो लेकिन बड़े-बड़े बोल्डर इस पहाड़ी पर अटके हैं, जो यहां के लोगों के लिए खौफ का कारण बने हुए हैं. एलधारा की पहाड़ी धारचूला के ठीक ऊपरी इलाके में है. ऐसे में इस पहाड़ी में होने वाली जरा सी हलचल भी धारचूला मुख्यालय पर भारी पड़ सकती है. धारचूला के स्थानीय व्यक्ति व समाजसेवी जीवन ठाकुर ने सरकार से धारचूला-मुनस्यारी के इलाकों में भूगर्भीय सर्वेक्षण करने की मांग की है, जिससे भविष्य में होने वाले नुकसान का आकलन किया जा सके और वक्‍त रहते इस नुकसान को कम से कम किया जा सके. कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव है धारचूला धारचूला बाजार से अभी तक एलधारा की पहाड़ी से हुए भूस्खलन का मलबा देखा जा सकता है. यहां के स्थानीय लोग व जनप्रतिनिधि सभी स्थायी ट्रीटमेंट की मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं. धारचूला काली नदी के किनारे बसा हुआ शहर है और कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव है. यहां लोगों को नीचे काली नदी से बढ़ते जलस्तर से भी खतरा है और ऊपर एलधारा की दरकती हुई पहाड़ी से भी, जिसके स्थायी समाधान की सख्त जरूरत है. विधायक हरीश धामी ने कही ये बात धारचूला के विधायक हरीश धामी ने एलधारा की पहाड़ी का सर्वेक्षण कराने और उत्तरकाशी के वरुणावत पहाड़ी के जैसे ट्रीटमेंट करने की मांग की है, ताकि धारचूला को सुरक्षित रखा जा सके. उन्होंने कहा कि इस काम को जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि धारचूला इतिहास बनकर रह जाए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Pithoragarh news, Uttarakhand landslideFIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 15:03 IST