Guru Nanak Jayanti 2022: नैनीताल शहर में बना था जिले का पहला गुरुद्वारा जानिए इसका इतिहास

Guru Nanak Jayanti 2022: उत्तराखंड में सिख धर्म का इतिहास काफी पुराना है. नैनीताल में स्थित गुरुद्वारा भी वर्तमान के नैनीताल जिले का सबसे पहला गुरुद्वारा है.

Guru Nanak Jayanti 2022: नैनीताल शहर में बना था जिले का पहला गुरुद्वारा जानिए इसका इतिहास
रिपोर्ट: हिमांशु जोशी नैनीताल. देश में आज (8 नवंबर 2022, मंगलवार) गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2022) मनाई जा रही है. दरअसल आज सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्मोत्सव है. गुरु नानक जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी. इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व भी कहा जाता है. उत्तराखंड के कुमाऊं में गुरुद्वारों का इतिहास काफी पुराना और महत्वपूर्ण है. मान्यताओं के अनुसार, कुमाऊं में गुरुनानक देव जी तीन बार आए थे. पहली बार 1507 और दूसरी बार 1517 में वह नानकमत्ता आए थे और वहां गुरुद्वारे की स्थापना की थी. साल 1563 में चंदवंशीय राजा कल्याण चंद ने उन्हें कुमाऊं में आने का निमंत्रण दिया. उत्तराखंड में सिख धर्म का इतिहास काफी पुराना है. नैनीताल में स्थित गुरुद्वारा भी वर्तमान के नैनीताल जिले का सबसे पहला गुरुद्वारा है. इतिहासकार डॉ. अजय रावत ने बताया कि नैनीताल की बसासत 1841 में शुरू हुई थी. साल 1893 से यहां ऐतिहासिक राजभवन बनाने की कवायद शुरू हुई और साल 1900 तक यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गया. इसके निर्माण के लिए पंजाब से रामगड़िया सिख बुलाए गए थे. रामगड़िया सिखों को लगता था कि हर दिन काम करने के बाद उनके पूजा-पाठ करने के लिए एक स्थल होना चाहिए. साल 1897 में वर्तमान के राजभवन में एक गुरुद्वारे की स्थापना की गई थी. साल 1905 में नैनीताल को ईस्टर्न कमांड का मुख्यालय घोषित किया गया. साल 1923 में पांच सिख व्यक्तियों की ईस्टर्न कमांड में नियुक्ति हुई थी. डॉ. अजय रावत ने बताया कि सिख धर्म के सभी व्यक्ति भी प्रार्थना के लिए इसी राजभवन के गुरुद्वारे जाया करते थे. राजभवन के नजदीक घना जंगल होने की वजह से उन्हें लगा कि गुरुद्वारे की स्थापना किसी और जगह की जानी चाहिए. जिस वजह से इसको तल्लीताल जयभवन में स्थापित किया गया. करीब 12 साल के बाद 1935 में इसे मल्लीताल के बाजार में स्थापित किया गया. आजादी से पहले साल 1943 में मल्लीताल नयना देवी मंदिर के समीप गुरुद्वारे के लिए भूमि चिह्नित की गई. 1947 में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा की स्थापना हुई और सिख नेता और स्वंत्रता सेनानी मास्टर तारा सिंह ने इस गुरुद्वारे का उद्घाटन किया. मल्लीताल स्थित यह गुरुद्वारा यहां आने वाले पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. नैनीझील के नजदीक स्थित यह गुरुद्वारा अपनी सुंदरता और आकर्षण के लिए मशहूर है. नैनीताल आने वाले पर्यटक इस गुरुद्वारे में मत्था टेकने जरूर जाते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Gurudwara, Nainital news, Nainital tourist placesFIRST PUBLISHED : November 08, 2022, 16:01 IST