Haridwar: धर्म नगरी हरिद्वार के इन 9 घाटों पर गंगा स्नान करने से पूरी होती है हर मनोकामना!
Haridwar: धर्म नगरी हरिद्वार के इन 9 घाटों पर गंगा स्नान करने से पूरी होती है हर मनोकामना!
Har Ki Pauri Ganga Ghat: हरिद्वार में तमाम घाट हैं, जहां श्रद्धालु गंगा स्नान कर करते हैं. गंगा किनारे बने सभी घाटों का विशेष महत्व है. हालांकि धर्म नगरी हरिद्वार के प्रमुख इन 9 घाटों पर गंगा स्नान करने से सभी दुखों का नाश होने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.
रिपोर्ट- ओम प्रयास
हरिद्वार. विश्व विख्यात हरिद्वार पूरी दुनिया में ‘धर्म नगरी’ के नाम से प्रसिद्ध है. यहां हर की पौड़ी समेत मनसा देवी, चंडी देवी, बिल्केश्वर महादेव और कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल स्थित हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सनातन धर्म में हरिद्वार का विशेष महत्व माना जाता है. जबकि हरिद्वार का हर की पौड़ी भी विश्व विख्यात है, जहां प्रत्येक 12 वर्ष बाद महाकुंभ, तो हर 6 वर्ष बाद अर्ध महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु हरिद्वार गंगा स्नान करने आते हैं. मान्यता है कि हर की पौड़ी के घाटों पर गंगा स्नान करने से सभी दुखों का नाश होने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
हरिद्वार में गंगा किनारे बने सभी घाटों का विशेष महत्व है. हर की पौड़ी के ये 9 गंगा घाट बेहद अहम हैं. इसमें ब्रह्मकुंड घाट, कुशावर्त घाट, विष्णु घाट, बिरला घाट, नाई घाट, गऊ घाट, सती घाट, बिल्केश्वर घाट और नीलेश्वर घाट शामिल हैं.
ब्रह्मकुंड घाट: धार्मिक ग्रंथों में ब्रह्मकुंड घाट का जिक्र किया गया है. आदि-अनादि काल में हुए समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को असुरों से बचाने के लिए देवता कलश लेकर निकले थे. इस दौरान धरती पर चार जगह- हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में अमृत की बूंदें गिरी थीं. हरिद्वार में हर की पौड़ी पर अमृत की बूंद गिरी थी. मान्यता है किब्रह्मकुंड घाट पर गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के दुखों का नाश होता है. वहीं मनुष्य को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. ब्रह्मकुंड घाट का वर्णन प्राचीन ग्रंथों में भी किया गया है. देश के अलग-अलग राज्यों और विदेशों से आने वाले श्रद्धालु यहां गंगा स्नान कर पुण्य की प्राप्ति करते हैं.
कुशावर्त घाट: हरिद्वार में हर की पौड़ी पर स्थित कुशावर्त घाट विश्व विख्यात हैं. कुशावर्त घाट का वर्णन भी धार्मिक ग्रंथों में किया गया है. कहा जाता है कि यहां भगवान दत्तात्रेय की तपोस्थली है. यहां भगवान दत्तात्रेय का मंदिर बना हुआ है. कुशावर्त घाट पर पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए क्रियाकर्म किया जाता है. यहां अस्थि विसर्जन या पिंड दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही यहां दान करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
नाई घाट: हरिद्वार में हर की पौड़ी पर नाई घाट स्थित है. इस घाट पर मुंडन संस्कार किया जाता है. मृतक की अस्थि विसर्जित करने के बाद परिवार के सदस्यों का मुंडन संस्कार किया जाता है. इस घाट की मान्यता है कि यहां मुंडन संस्कार कराने के बाद गंगा स्नान करने से फल की प्राप्ति होती है.
गऊ घाट: हर की पौड़ी पर बने गऊ घाट का भी विशेष महत्व माना जाता है. हिंदू धर्म में अस्थि विसर्जित करने के बाद मुंडन संस्कार और फिर गऊ दान करने का विशेष महत्व माना जाता है. गाय को चारा, फल, रोटी इत्यादि दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलने का विशेष महत्व माना जाता है. इस घाट पर बड़ी संख्या में गऊ रहती हैं, जिन्हें चारा, फल, रोटी इत्यादि दान करने से मन को शांति मिलती है.
बिरला घाट: हर की पौड़ी पर स्थित बिरला घाट का भी विशेष महत्व माना गया है. क्लॉक टॉवर के पास बना घाट ही बिरला घाट है. बिरला घाट की अपनी मान्यता है कि इसके धरातल में हनुमान जी की प्रतिमा है. इस घाट पर गंगा स्नान करने से सुख-समृद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. बिरला घाट को हनुमान घाट नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि पांडव इसी घाट पर आकर रुके थे. इस घाट पर स्नान करने का विशेष महत्व है.
सती घाट: हरिद्वार में स्थित सती घाट का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में किया गया है. दक्ष प्रजापति की नगरी और भगवान शिव की ससुराल कनखल में सती घाट बना हुआ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में जिस व्यक्ति की कम समय में मृत्यु हो जाती थी, उनकी पत्नी भी उनके साथ दाह संस्कार कर लेती थी. जिनकी याद में सती घाट पर छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं. सती घाट को अस्थि प्रवाह घाट के नाम से भी जाना जाता है. इस घाट पर अस्थि विसर्जित की जाती है. देश के अलग-अलग राज्यों से लोग सती घाट पर अस्थि विसर्जित करने आते हैं. कहा जाता है कि सती घाट पर अस्थि विसर्जन करने के बाद गंगा स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. वहीं लोगों को फल की प्राप्ति भी होती है.
बिल्केश्वर घाट: बिल्केश्वर घाट का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में विशेष रूप से किया गया है. बिल्केश्वर घाट पर गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है. बिल्केश्वर घाट पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है. महाकुंभ और स्नान पर्वों पर बिल्केश्वर घाट पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है.
नीलेश्वर घाट: नीलेश्वर घाट का वर्णन भी धार्मिक ग्रंथों में विशेष रूप से किया गया है. नीलेश्वर घाट पर गंगा स्नान करने के लिए लोग देश के अलग-अलग राज्यों से आते हैं. माना जाता है कि नीलेश्वर घाट पर गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. महाकुंभ और स्नान पर्व पर यहां गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है.
विष्णु घाट: हर की पौड़ी पर बने विष्णु घाट की अपनी विशेष महत्वता है. यहां भगवान विष्णु का मंदिर बना हुआ है. इस घाट पर गंगा स्नान करने से मनोकामना पूरी होती है. कहा जाता है कि इस घाट पर गंगा स्नान करने और भगवान विष्णु का जाप करने का विशेष महत्व है. गंगा स्नान कर भगवान विष्णु का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. (नोट: यह खबर मान्यताओं पर आधारित है. न्यूज़18 इसकी पुष्टि नहीं करता.)
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Tags: Ganga river, Ganga Snan, Haridwar newsFIRST PUBLISHED : November 03, 2022, 12:50 IST