दवाइयां खरीदते समय रहें सावधान! उत्तराखंड की 11 फार्मा कंपनियों के सैंपल फेल
दवाइयां खरीदते समय रहें सावधान! उत्तराखंड की 11 फार्मा कंपनियों के सैंपल फेल
Uttarakhand News: मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदते समय अगर आप सचेत नहीं है तो आपके हाथ में नकली दवाइयां लग सकती हैं. केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के आंकड़े सामने आए हैं जिसके अनुसार, देशभर से कलेक्ट हुए दवाइयों के सैम्पल में सबसे ज्यादा सैम्पल उत्तराखंड के फेल हो रहे हैं.
हाइलाइट्सउत्तराखंड की कंपनियों की बनाई दवाइयों के 11 सैम्पल फेल.उत्तर प्रदेश की 7, मध्य प्रदेश की 6 दवाियों के सैम्पल हुए फेल.गुजरात के 4, पश्चिम बंगाल, बिहार, सिक्कम के 2-2 सैम्पल फेल.
देहरादून. उत्तराखंड में 283 फार्मा कंपनी है, जबकि 120 कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी है. इनमें देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर और पंतनगर बड़ा हब है. इन सभी कंपनियों में से 132 मेडिसिन बनाने वाली फार्मा कंपनी डब्ल्यूएचओ सर्टिफाइड है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर फार्मा कंपनियां दवाइयों के नाम पर जहर बना रही हैं. यह बात केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट में सामने आई है.
अक्टूबर के डाटा के मुताबिक देशभर से तमाम कंपनियों की 1280 दवाइयों के सैंपल टेस्ट करवाए थे. इनमें से 1230 दवाइयां मांगों के अनुरूप पाई गई हैं. वहीं, 50 दवाइयां ऐसी हैं जो केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के मानकों पर खरा नहीं उतर पाईं. उन दवाइयों में से 11 दवाइयां, उत्तराखंड की 11 फार्मा कंपनियों में बनाई गई है.
ड्रग कंट्रोलर ताजबीर सिंह ने बताया कि फेल हुए सैम्पल में गुजरात के 4, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा के 1-1 सैम्पल, पश्चिम बंगाल, बिहार, सिक्कम के 2 -2 सैम्पल, उत्तरप्रदेश की 7, मध्य प्रदेश की 6, तमिलनाडु की 3 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश कुमार कहते हैं कि अभी डाटा उनके पास नहीं आया है, लेकिन मसला गंभीर है और शिकायत आने पर कार्रवाई करेंगे. आपके शहर से (देहरादून) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी
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दूसरी ओर फार्मसिस्ट सुधा कुकरेती कहती हैं कि दवाइयों की जांच होनी और साथ में बिल होना भी बेहद जरूरी है. सरकारी अस्पतालों में इस बात का खास ख्याल रखते हैं. दून मेडिकल कॉलेज अब दवाइयों के मानक आम आदमी की तो समझ से परे हैं. ऐसे में फूड एंड ड्रग डिपॉर्टमेन्ट को ही सैम्पलिंग बढ़ानी होगी और फॉर्मा कम्पनी के खिलाफ एक्शन लेना होगा.
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Tags: Dehradun news, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : November 19, 2022, 09:12 IST