हमारे जवान को किडनैप करने की हिमाकत 2001 वाली गुस्ताखी न सोचे बांग्लादेश

India-Bangladesh Border News: पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में बिराल सीमा के पास नियमित गश्त के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान का अपहरण कर लिया गया. इस घटना को लेकर बीएसएफ ने बेहद सख्त अपनाया, जिससे बीजीबी की सारी हेकड़ी निकल गई और उसने हमारे जवान को वापस सौंप दिया.

हमारे जवान को किडनैप करने की हिमाकत 2001 वाली गुस्ताखी न सोचे बांग्लादेश
नई दिल्ली. बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना की बेदखली और मोहम्मद यूनुस को कमान मिलने के बाद से पड़ोसी देश के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्व हैं. बांग्लादेश में फैली अशांति का असर भारत से सटी सीमा पर भी दिख रहा है. अब बांग्लादेश के कुछ शरारती तत्वों ने बॉर्डर पर गश्त कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान को किडनैप कर लिया. बीएसएफ ने इस घटना को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाया है. बीएसएफ की इस सख्ती से बांग्लादेश को ऐसी गुस्ताखियों से बाज आना चाहिए, वरना उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि भारत में अब घर में घुसकर मारने वाली सरकार है. दरअसल पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में बिराल सीमा के पास नियमित गश्त के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान का अपहरण कर लिया गया है. इस घटना में 15 से 20 बांग्लादेशी बदमाशों का ग्रुप शामिल था, जो भारतीय सीमा में घुस आए और बीएसएफ जवान को जबरन बांग्लादेश ले गए और उसे बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की हिरासत में दे दिया. बीएसएफ की सख्ती से निकली बीजीबी की हेकड़ी इस घटना का पता चलते ही बीएसएफ नॉर्थ बंगाल के महानिरीक्षक ने तुरंत बीजीबी के क्षेत्रीय कमांडर से संपर्क किया और किडनैप जवान को तत्काल छोड़ने की मांग की. बीएसएफ के इस सख्त रुख से बीजीबी की हेकड़ी निकल गई और उसने हमारे जवान को वापस सौंप दिया. बीएसएफ ने इस आक्रामक हरकत की निंदा की है और बांग्लादेशी बदमाशों की हरकतों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. बीएसएफ ने बीजीबी से अपने नागरिकों को ऐसी गैरकानूनी हरकतों से रोकने को कहा है. बीएसएफ ने बेहद सख्त लहजे में बयान जारी करते हुए साफ कहा कि भारतीय सुरक्षा बल पर “जीरो फायरिंग’ की अपनी नीति को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन बीजीबी को बॉर्डर पर सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. 2001 में बांग्लादेश बॉर्डर पर क्या हुआ था?  भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसकी सुरक्षा बीएसएफ और बीजीबी करते हैं. हालांकि 5 अगस्त को ढाका में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद से भारतीय बल अलर्ट पर हैं. वहीं अब बीएसएफ के इस सख्त लहजे से साफ है कि बांग्लादेश 2001 जैसी किसी हिमाकत के बारे में बिल्कुल न सोचे क्योंकि उसे बुरा अंजाम भुगतना पड़ सकता है. बीएसएफ ने जिस जगह पर 1971 से अपनी चौकी स्थापित की थी, उस पर बांग्लादेश वर्ष 2001 में अपना दावा ठोक दिया था. इस कारण सीमा पर रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे. बॉर्डर पर तब 16 से 20 अप्रैल के बीच खूब गोलीबारी हुई थी, जिसमें 16 के बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे. हालांकि वह 2001 की बात थी और अब 2024 है. भारत में अब घर में घुसकर मारने वाली सरकार है. इसलिए बांग्लादेश को ऐसी किसी हिमाकत की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. Tags: Bangladesh Border, Bangladesh news, BSF, India newsFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 08:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed