सपनों के आशियाने के लिए लगा दी खून पसीने की कमाई फिर भी नहीं मिला घर
सपनों के आशियाने के लिए लगा दी खून पसीने की कमाई फिर भी नहीं मिला घर
सपने के आशियाने के लिए लगा दी खून पसीने की कमाई, फिर भी नहीं मिला आशियाना, ना मिली मूलभूत सुविधाएं, लोग बोले - जीवन भर की कमाई लगा दी, अब जाए तो कहा जाए.
धीरेन्द्र कुमार शुक्ला/ग्रेटर नोएडा:टाउनशिप में प्लाट खरीदने के बाद अब पीड़ितों को उनका प्लाट नहीं मिल रहा है. पीड़ितों का कहना है कि, उनने टाउनशिप में प्लाट खरीदा लेकिन उन्हें उनका खुद का प्लाट नहीं मिल रहा है. पीड़ित अभिषेक का कहना है, मैने प्लाट खरीदने के लिए खून पसीने की मेहनत की कमाई का पैसा लगा दिया. अब वही रहने के लिए मूलभूत सुविधाओं के लिए अधिकारियों के चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है.
लोकल 18 की टीम ने टाउनशिप में रहने वाले पीड़ितों से बातचीत की. इस दौरान पीड़ितों ने क्या कुछ कहा आइए आपको विस्तार से बताते हैं. टाउनशिप में अपना प्लाट खरीद चुके अभिषेक कुमार ने बताया कि साहब मैं 10 सालों से परेशान घूम रहा हूं. 40 लाख रूपए का प्लाट खरीदा था. उसमें अपनी सारी पूंजी लगा दी. पापा से सारा पैसा लेकर प्लाट खरीद लिया. अब आज ऐसी स्थिति आ गई है कि मुझे अपना ही प्लाट नहीं मिल रहा है. मैं वहीं पर खड़ा हूं जहां पर मैंने अपना प्लाट खरीदा था. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मेरा प्लाट कहां है और कौन सा है.
नहीं मिल रही है मूलभूत सुविधा
उन्होंने आगे बताया कि यहां पर मेरी फैमिली के पांच प्लाट है. लेकिन कोई लाइन नहीं खींची है. ना ही हमें पता चल रहा है कि हमारा प्लाट कौन सा है. बड़ी-बड़ी मशीन यहां पर लगा दी गई है. पूरा रास्ता ब्लॉक कर दिया गया है. सिर्फ एक गेट खोला गया है. जिससे हम लोग बड़ी मुश्किल में अंदर आ पाते हैं. पीड़ित अभिषेक ने आगे बताया कि साहब मैंने अपने पुरे जीवन की कमाई प्लाट में लगा दी. अब दर दर की ठोकरे खा रहे हैं. लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं अगर हम बिल्डर के पास शिकायत लेकर जाते हैं. या फिर उससे अपना हक मांगते हैं.
मामले की जांच करवाई जा रही है
मूलभूत समस्याओं से अवगत कराते हैं. अपने प्लाट के बारे में बात करते हैं.तो वह हमें अथॉरिटी भेज देता है. जब हम अथॉरिटी जाते हैं तो वहां से कहा जाता है कि हमसे मतलब नहीं आप बिल्डर को पकड़ के बिल्डर से बात करिए. अब हम लोग जाए तो कहां जाएं. किसकी चौखट पर पहुंचे कहां से हमें न्याय मिलेगा. कुछ समझ नहीं आ रहा है बहुत परेशान है.टाउनशिप के रहने वाले तरूण शर्मा ने बताते हैं की जबसे मैंने यहां घर के लिए प्लाट खरीदा तब से लेकर लागातार चक्कर काट रहे हैं. कोई भी कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं. अब बताइए बीना पानी के बीना लाइट के कैसे घर बनाए कैसे हम वायर्स यहां रहे. CEO अरुण वीर सिंह ने बताया मामला संज्ञान में आया है. मामले की जांच पड़ताल करवाई जा रही है. जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे. उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
.
Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 15:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed