नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी! अब 5 साल और नहीं लगेगा ये शुल्क
नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी! अब 5 साल और नहीं लगेगा ये शुल्क
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में ये निर्णय लिया गया कि ऐसे किसान आवंटी जिन्होंने 12 साल बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण पूरा कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राधिकरण से प्राप्त नहीं किया है. ऐसे आवंटियों को सशुल्क समय विस्तार के लिए तीन महीने तक आवेदन करने का अंतिम अवसर दिया जाएगा.
नोएडा: लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई नोएडा प्राधिकरण की शुक्रवार को बोर्ड बैठक में नोएडा के किसानों के हित में भी एक बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें राहत की सांस दी है. अब किसानों के पास रजिस्ट्री की तारीख से पांच प्रतिशत कोटे के भूखंड पर निर्माण के लिए निशुल्क पांच साल तक का और मौका मिलेगा. जबकि अभी तक किसानों को 2 साल में भरना होता था. वहीं आपको बता दें, कि किसानों ने पहले से ही दो साल के बाद अधिक समय लेने के लिए शुल्क जमा कर दिया था, उन्हे ये लाभ नही मिलेगा.
दरअसल नोएडा प्राधिकरण आवासीय भूखंड आवंटित करने के बाद सबलीज होने की तारीख से उस पर निर्माण के लिए निशुल्क दो साल तक का मौका देता है. जिसके बाद तीसरे साल से लेकर 12 साल तक शुल्क जमा करने के बाद मौका दिया जाता है. तीसरे साल में एक, चौथे में दो, पांचवें में तीन प्रतिशत सहित इस तरह बढ़ता चला जाता है. इसी तरह अबतक 12 साल तक मौका दिए जाने पर आवंटन दर का 10 प्रतिशत शुल्क देना होता है. लेकिन अब करीब 25 आवंटी ऐसे बचे हुए हैं, जिन्होंने इस समय-सीमा में भी निर्माण पूरा नहीं किया है.
लाभ लेने के लिए 10 प्रतिशत शुल्क देना होगा
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में ये निर्णय लिया गया कि ऐसे किसान आवंटी जिन्होंने 12 साल बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण पूरा कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राधिकरण से प्राप्त नहीं किया है. ऐसे आवंटियों को सशुल्क समय विस्तार के लिए तीन महीने तक आवेदन करने का अंतिम अवसर दिया जाएगा. यह समय-सीमा बोर्ड बैठक के मिनट्स से संबंधित कार्यालय आदेश जारी करने से लागू होगी. ऐसे आवंटियों को समय देने के लिए आवंटन दर का 10 प्रतिशत शुल्क जमा करना होगा. उसके बाद ही इसका लाभ उठा सकेंगे.
Tags: Local18, Noida AuthorityFIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 15:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed