MMMUT की अनुठी पहल शोध प्रकाशन और पेटेंट के लिए मिलेगा प्रोत्साहन राशि

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शोध प्रकाशन के साथ-साथ पेटेंट प्राप्त करने वालों के लिए भी प्रोत्साहन की योजना बनाई गई है. अगर किसी शोधकर्ता को यूएसए या यूके से पेटेंट प्राप्त होता है, तो उन्हें 50 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं, अन्य देशों या भारत से मिले पेटेंट पर 25 हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा.

MMMUT की अनुठी पहल शोध प्रकाशन और पेटेंट के लिए मिलेगा प्रोत्साहन राशि
गोरखपुर. मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) ने उच्च गुणवत्ता वाले शोध और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फैसला लिया है. यदि किसी शोधकर्ता का काम नेचर, साइंस या हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित होता है, तो उन्हें विश्वविद्यालय से दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी. यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय की विद्या परिषद, वित्त समिति और प्रबंध बोर्ड की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा. शोध और रैंकिंग का बढ़ रहा है महत्व  कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने लोकल 18 को बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में बेहतर स्थान प्राप्त करने के लिए शोध और पेटेंट का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसी के मद्देनजर लगभग डेढ़ महीने पहले एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. जिसकी अध्यक्षता डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो. वीके गिरी कर रहे थे. इस समिति का उद्देश्य यह था कि किस प्रकार से शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाए और किस जर्नल में प्रकाशन के लिए कितना इंसेंटिव दिया जाना चाहिए. कटेगिरी के अनुसार दी जाएगी प्रोत्साहन राशि समिति की सिफारिशों के अनुसार नेचर, साइंस और हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू जैसे टॉप जर्नल्स को कैटेगरी 1 में रखा गया है. इनमें शोध प्रकाशित होने पर “आउटस्टैंडिंग रिसर्चर अवार्ड” के तहत शोधकर्ताओं को 2 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. वहीं, जिन जर्नल्स में इम्पैक्ट फैक्टर 5 से अधिक है, उन्हें “प्रीमियर रिसर्चर अवार्ड” के तहत 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. इम्पैक्ट फैक्टर 2 से 5 के बीच वाले जर्नल्स में प्रकाशन पर “कमांडेबल रिसर्चर अवार्ड” के तहत 20 हजार रुपये मिलेंगे. पेटेंट पर भी प्रोत्साहन राशि देने की है योजना शोध प्रकाशन के साथ-साथ पेटेंट प्राप्त करने वालों के लिए भी प्रोत्साहन की योजना बनाई गई है. अगर किसी शोधकर्ता को यूएसए या यूके से पेटेंट प्राप्त होता है, तो उन्हें 50 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं, अन्य देशों या भारत से मिले पेटेंट पर 25 हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा. इस योजना का लाभ केवल शिक्षकों और शोधार्थियों को ही नहीं बल्कि स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थियों को भी मिलेगा. संविदा और अतिथि शिक्षक भी इस प्रोत्साहन योजना के पात्र होंगे. प्रो. सैनी ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य एमएमयूटी के शोधकर्ताओं को उच्च स्तरीय शोध और पेटेंट के लिए प्रेरित करना है, जिससे विश्वविद्यालय वैश्विक रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन कर सके. Tags: Education, Gorakhpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 18:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed