मोदी-योगी के गढ़ में साख बचा पाएगा राहुल-अखिलेश का इंडिया BSP लगाएगी पलीता!

मोदी-योगी के गढ़ में साख बचा पाएगा राहुल-अखिलेश का इंडिया BSP लगाएगी पलीता!
लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम चरण में 8 राज्यों की शेष 57 सीटों पर 1 जून, शनिवार को वोट डाले जाएंगे. इस मतदान के साथ ही लगभग दो महीने से चला आ रहा चुनावी रण समाप्त हो जाएगा. इस रण में किसके हाथ लगी बाजी और कौन रहा सत्ता के सुख से दूर, 4 जून को वोटों की गिनती के साथ साफ हो जाएगा. पूरा चुनाव ‘मोदी की गारंटी’ और ‘इंडिया’ गठबंधन के दावों के इर्द-गिर्द घूम रहा है. इस लड़ाई की निर्णायक दौर उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगा. यहां अंतिम चरण में 13 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. खास बात ये है कि इन 13 सीटों में वे सीट भी शामिल हैं जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वर्चस्व है. 1 जून के पीएम मोदी की सीट वाराणसी और योगी का गढ़ गोरखपुर में भी वोट डाले जाएंगे. गोरखपुर लोकसभा सीट पर योगी आदित्यनाथ सांसद रहे चुके हैं. वर्तमान में भोजपुरी फिल्मी अभिनेता रविकिशन यहां से सांसद हैं. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून, शनिवार को यूपी की महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रोबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे. इन सीटों पर पीएम मोदी सहित कुल 144 उम्मीदवार मैदान में हैं. मोदी-योगी के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए विपक्षी दलों बहुजन समाज पार्टी और इंडिया गठंबधन ने पूरी ताकत लगा दी है. इंडिया गठबंधन से खुद राहुल गांधी और अखिलेश यादव कमान संभाले हुए हैं. शनिवार उत्तर प्रदेश में जहां मतदान हो रहा है, वह पूर्वांचल कहा जाता है. खास बात ये है कि लखनऊ से दिल्ली का रास्ता इस क्षेत्र के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होकर ही जाता है. इसलिए सभी दलों के लिए पूर्वांचल की ये सभी 13 सीटें बहुत महत्वपूर्ण हैं. पिछले चुनाव में इन 13 में से 11 सीटों पर बीजेपी का कब्जा था. इस बार बीजेपी नीत एनडीए ने सभी 13 सीटें जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. उधर, विपक्षी गठबंधन अपनी सीटें बढ़ाने के लिए जोर लगा रहा है. वैसे तो पूर्वांचल में सत्ता की चाबी दलित-पिछड़े और मुस्लिम मतदाताओं के हाथ में रहती है. पारंपरिक तौर ये समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के वोटर माने जाते हैं. लेकिन लगातार दो बार के लोकसभा चुनावों में मोदी मैजिक ने ये समीकरण बदल दिए हैं. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में निर्णायक फैसला महिलाओं के हाथ में आ गया है. क्योंकि यहां की सभी सीटों पर महिला वोटरों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. हालांकि, महिला वोटरों में भी दलित-पिछले और मुस्लिम वर्ग का पूरा प्रभाव है. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जितनी बार भी बनारस का दौरा किया है उन्होंने महिला वोटरों को ही केंद्र में रखा है. एक्सपर्ट का मनाना है कि महिला वोटर जातीय समीकरण से हटकर वोट देती हैं. पूर्वांचल में पिछला, दलित और अति पिछला समाज के वोटरों की तादाद लगभग 60 फीसदी है. पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में मजबूत गठबंधन था. लेकिन फिर भी यह गठबंधन मोदी-योगी की जोड़ी में घुसपैठ नहीं कर पाया. इस बार मायावती का हाथी आजाद घूम रहा है. और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. पूर्वांचल में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है. इसलिए सारी लड़ाई अकेले अखिलेश के कंधों पर है. पूर्वांचल में राजभर, निषाद, चौहान और गैर यादव वोटरों का वर्चस्व है. लेकिन इस समाज का नेतृत्व कर रहे ओम प्रकाश राजभर, अपना दल सोनेलाल और निषाद पार्टी बीजेपी के साथ एनडीए में है. बीएसपी के स्वतंत्र चुनाव लड़ने से कहा जा रहा है कि मायावती अखिलेश यादव का खेल बिगाड़ सकती हैं. मोदी का बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. यहां मैदान में कुल 7 उम्मीदवार हैं. कांग्रेस के टिकट पर अजय राय और बहुजन समाज पार्टी की ओर से अतहर जमाल लारी नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे हैं. अजय राय बनारस से लगातार चौथी बार चुनावी मैदान में हैं लेकिन उन्हें कभी जीत हासिल नहीं हुई. काशी विश्वनाथ धाम में लंबे समय से बीजेपी का कब्जा रहा है. 1991 में बीजेपी ने यहां पहली बार अपना खाता खोला था. और यह खाता ऐसा खुला कि इसके बाद से बीजेपी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. हालांकि 2004 के चुनाव में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब हो गए थे. पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4,79,505 वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को हराया था. अजय राय 1.52 लाख वोट लेकर तीसरे स्थान पर थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से परास्त किया था. कांग्रेस के अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी ने बहुजन समाज पार्टी के मुख्तार अंसारी को 17,211 वोटों से हराया था. उस समय अजय राय सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर आए. वाराणसी लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व मुख्य मंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह, कमलापति त्रिपाठी, अनिल शास्त्री जैसे दिग्गज राजनेताओं ने प्रतिनिधित्व किया है. योगी का गोरखपुर गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट रही है. यहां भी 1989 से केसरिया लहरा रहा है. योगी आदित्यनाथ ने 1999 से 2014 तक लगातार 5 बार जीत हासिल की थी. लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के इस गढ़ में सेंध लगाते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद ने जीत हासिल की थी. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर रवि किशन सांसद चुने गए. वर्तमान में यहां से 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. समाजवादी पार्टी के टिकट पर काजल निषाद, बहुजन समाज पार्टी से जावेद अशरफ और बीजेपी से रवि किशन प्रमुख उम्मीदवार हैं. Tags: Ghazipur news, Gorakhpur news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 15:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed