सफेद कोट पहनना था सपना लाखों का मुफ्त इलाज कर चुके हैं डॉ बृजपाल त्यागी

डॉक्टर बृजपाल त्यागी लोकल 18 को बताते हैं कि जब वह स्कूली छात्र थेस, तो सफेद कोट काफी आकर्षित करता था. तभी से मन बना लिया था कि बड़े होकर डॉक्टर बनना है और लोगों की सेवा करनी है. डॉ बृजपाल त्यागी गाजियाबाद में अपने वार्षिक कैंप के लिए काफी मशहूर है. दरअसल सालाना एक माह तक डॉक्टर त्यागी देशभर से आए लोगों का निशुल्क इलाज करते हैं, जिसमें करीब लाखों रुपये का खर्च आ जाता है.

सफेद कोट पहनना था सपना लाखों का मुफ्त इलाज कर चुके हैं डॉ बृजपाल त्यागी
गाजियाबाद. डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि एक मरीज के लिए डॉक्टर किसी फरिश्ते से कम नहीं होता है. बीते कुछ वर्षों में कोरोनाकाल के दौरान डॉक्टर वॉरियर्स की तरह उभरकर आए और लाखों लोगों की जान बचाई थी. आज हम डॉक्टरों की चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि देशभर में आज (1 जुलाई 2024) का दिन नेशनल डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. दरअसल 1 जुलाई को डॉक्टर बिधन चंद्र रॉय की याद में हर साल नेशनल डॉक्टर्स डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. बचपन में इंजेक्शन लगाने से लेकर बड़े होकर स्वास्थ्य संबंधी सलाह देने तक आपके साथ भी कोई न कोई डॉक्टर ऐसे जरूर रहे होंगे, जो हमेशा आपकी मदद करते आए होंगे. आज हम गाजियाबाद के मसीहा कहे जाने वाले डॉक्टर बृजपाल त्यागी की कहानी आपके सामने लेकर आए हैं, जो पेशे से ईएनटी सर्जन हैं और मेडिकल फील्ड में वर्षों का तर्जुबा हासिल कर चुके हैं. सफेद कोट पहनना था सपना डॉक्टर बृजपाल त्यागी लोकल 18 को बताते हैं कि जब वह स्कूली छात्र थेस, तो सफेद कोट काफी आकर्षित करता था. तभी से मन बना लिया था कि बड़े होकर डॉक्टर बनना है और लोगों की सेवा करनी है. डॉ बृजपाल त्यागी गाजियाबाद में अपने वार्षिक कैंप के लिए काफी मशहूर है. दरअसल सालाना एक माह तक डॉक्टर त्यागी देशभर से आए लोगों का निशुल्क इलाज करते हैं, जिसमें करीब लाखों रुपये का खर्च आ जाता है. इस पर डॉक्टर त्यागी बताते हैं कि लोगों से ही कमाया पैसा लोगों पर ही लगना चाहिए, इसी मकसद के साथ यह कैंप वर्षों से चलते आ रहा है. मरीज के ठीक होने पर मिलता है सुकून उन्होंने आगे कहा कि जब वह अपने परिवार के बीच होते हैं, तब भी लगातार फोन आते रहते हैं और मरीजों की क्वेरी को अटेंड करना पड़ता है. इसके अलावा अपनी छुट्टी वाले दिनों भी वह कैंप करने के लिए अस्पताल से बाहर निकल जाते हैं. डॉक्टर त्यागी डासना जिला कारागार में भी मरीजों का इलाज कर चुके हैं. वह कहते हैं कि इस पेशे में अपने परिवार के लिए बेशक कम समय मिलता है लेकिन जब मरीज ठीक हो जाता है, तो उससे ज्यादा सुकून भरा अहसास और कुछ नहीं होता. Tags: Doctor's day, Ghaziabad News, Local18, National Doctor's DayFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed