ब्लड क्लॉटिंग ओर हार्ट अटैक के कारण युवाओं की बेहोश होकर गिरने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होती है. मन में ब्लड क्लॉटिंग और हार्ट अटैक को लेकर डर बैठा हुआ है. एक्सपर्ट से जानिए कि अपने पास कौन सी दवाई हमेशा रखनी चाहिए जो आपको किसी आपातकालीन स्थिति में बचाने का कार्य करती है.
विशाल झा /गाज़ियाबाद : यूनाइटेड किंगडम की फार्मा कंपनी एक्सट्रेजनिका द्वारा कॉविड-19 वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट के बारे में खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर हड़कंप मची हुई है. दरअसल ब्रिटिश हाई कोर्ट में जमा किया गए दस्तावेजों में कंपनी ने कहा है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रांबोसिस थ्रांबोसाइटोपोनिया सिंड्रोम यानी (TTS ) हो सकती है. ऐसे में इंसान के शरीर में खून के थक्के जम जाते है और प्लेटलेट्स की संख्या भी गिरने लग जाती है.
गाजियाबाद के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर बृजपाल त्यागी से इस बारे में हमने समझने की कोशिश की. डॉ त्यागी बताते है कि सभी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म एक जैसा नहीं होता है, ऐसे में किसी व्यक्ति को वैक्सीन का साइड इफेक्ट बहुत ज्यादा होता है और अन्य में बहुत कम या बिल्कुल भी नहीं. वैक्सीन के कारण ज्यादातर मरीजों में शरीर में S1, S2 प्रोटीन और म्युटेंट एफ प्रोटीन की मात्रा बढ़ी हुई पाई जाती है. जिसमें शरीर में ब्लड क्लॉटिंग के लिए जिम्मेदार CCR -5 फैक्टर के एक्टिवेट होने की गुंजाइश बढ़ जाती है.ऐसे में मरीजों को इस समस्या से बचने के लिए S1, S2 प्रोटीन की जांच करानी चाहिए. इसके अलावा CCR -5 लेवल, साइटोकीन प्रोफाइल एवं इन्फ्लेमेटरी मार्कर की भी जांच कर सकते है. यदि इन जांच की मात्रा ज्यादा पाई जाती है तो आप डॉक्टर से सलाह लेने के बाद दवाई ले सकते है.
जानिए खून के थक्के बनने से पहले ले लक्षण और इलाज
आजकल मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग और हार्ट अटैक बहुत बड़ा देखा जा रहा है. जिसके पीछे जरूरी नहीं है कि वैक्सीन जिम्मेदार हो. खराब लाइफस्टाइल और बढ़ता हुआ स्ट्रेस भी इसके पीछे एक मुख्य कारण है. इसलिए आपको थ्रांबोसिस थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS ) के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. इस परेशानी में व्यक्ति को तेज सिर दर्द होना, धुंधला दिखाई देना, चक्कर आना, सीने में दर्द, पैर में सूजन, बोलने में परेशानी, सांस लेने में कठिनाई आदि समस्याएं होती है.
डॉ. त्यागी के बारे में
ऐसे में अगर आपको कभी छाती में तेज दर्द हो रहा है और चक्कर जैसा अनुभव हो रहा है तो डिस्प्रिन की गोली अपने साथ रख सकते है. जो पानी में भी घुल जाती है. वो इस सिंड्रोम को डेवलप नहीं होने देती है. ऐसे में कुछ भी असामान्य होने पर तुरंत आधी गोली आप जीभ के नीचे रखेंगे तो यह परेशानी खत्म हो जाएगी.डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने अपनी एमबीबीएस सेवाग्राम वर्धा से वर्ष 1988 में की थी, और एमएस वर्ष 1992 में. दो बीपी त्यागी एक वरिष्ठ चिकित्सक हैं जिनको चिकित्सा पेशे में 30 वर्षों का अनुभव है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 10:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed