भारत-पाक युद्ध में इस कर्नल ने बचाई थी 5 घायल सैनिकों की जान पढ़ें कहानी

karnal Tejendra Pal Tyagi: कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने भारत के जो कुछ भी किया वो बहुत सराहनीय है. आप भी पढ़ें उनकी शानदार कहानी.

भारत-पाक युद्ध में इस कर्नल ने बचाई थी 5 घायल सैनिकों की जान पढ़ें कहानी
गाजियाबाद: कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी का जन्म 1946 में गाजियाबाद के गांव विहंग में हुआ. उनके पिता, श्री जी एस त्यागी, पुलिस इंस्पेक्टर थे. उनकी शिक्षा भी उसी कड़ी मेहनत और संकल्प से प्रेरित थी. बी.ई (सिविल) के अंतिम वर्ष के छात्र के रूप में, श्री त्यागी ने सर्वोच्च मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त किया और एक उत्कृष्ट जिम्नास्ट के रूप में भी ख्याति प्राप्त की. उन्होंने विश्वेश्वरैया रीजनल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर के स्टूडेंट यूनियन के जनरल सेक्रेटरी के रूप में भी सेवा की. वीर चक्र से सम्मानित 1969 में सेना में लेफ्टिनेंट बनने के बाद कर्नल त्यागी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अद्वितीय साहस का परिचय दिया. उन्होंने युद्ध के दौरान अत्यंत जोखिम भरी स्थिति में पांच घायल सैनिकों को दुश्मन के क्षेत्र से सुरक्षित बाहर लाने का कार्य किया, जिसके लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया. इस बहादुरी के कारनामे ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक अद्वितीय पहचान दी. अभियांत्रिकी में नई ऊंचाइयां 1995 में कर्नल त्यागी ने मरीन स्ट्रक्चर्स में एम टेक किया और भारतीय सेना से उपक्रम के रूप में इंजीनियरिंग क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल की. उन्होंने दिल्ली छावनी में आर एंड आर हॉस्पिटल के पुनर्निर्माण कार्य का नेतृत्व किया, जो अब अपोलो अस्पताल के नाम से जाना जाता है. उनके नेतृत्व में, इस अस्पताल का निर्माण लगभग आधे लागत में और बेड्स और विशेषज्ञता के मामले में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ हुआ. इसके अलावा, उन्होंने विशाखापत्तनम में एक डीगौसिंग बेसिन और पश्चिमी दीवार जेट्टी का भी निर्माण किया. वैज्ञानिक अनुसंधान और सामाजिक योगदान 2000 में कर्नल त्यागी को इंजीनियर्स (इंडिया) के श्री हरी मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उन्हें पृथ्वी और कॉस्मिक एनर्जी के बीच के संबंधों को समझाने में उनके योगदान के लिए दिया गया था. इसके साथ ही उन्होंने वास्तु विज्ञान और तर्क पर आधारित ‘वास्तु विद साइंस एंड लॉजिक’ पुस्तक लिखी, जिसे सरकारी पुस्तकालयों में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया. रिटायरमेंट के बाद का राष्ट्रीय सेवा का संकल्प 2001 में सेवानिवृत्ति के बाद कर्नल त्यागी ने “राष्ट्रीय सैनिक संस्था” की स्थापना की, जो देशभक्त नागरिकों और पूर्व सैनिकों का संगठन है. यह संगठन 23 वर्षों से देशभर में देशभक्ति की अलख जगा रहा है. इसके साथ ही, कर्नल त्यागी को NCR के कन्फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (CONRWA) का मुख्य संयोजक चुना गया और उन्होंने फ्लैट ओनर्स फेडरेशन गाज़ियाबाद का भी नेतृत्व किया. Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 15:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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